- ट्रेनिंग में भेजने की थी तैयारी थी, मोबाइल पर आए मेसेज से खुली पोल

- अलीगढ़ निवासी युवक ने आगरा में भी किया था आवेदन, कार्रवाई के निर्देश

BAREILLY:

बरेली की आर्मी रिक्रूटमेंट सेल में सेंध का बड़ा मामला सामने आया है। अलीगढ़ का एक युवक न केवल फर्जी तरीके से सेना में भर्ती हो गया वरन फर्जी दस्तावेज भी तैयार करा लिए। यह सब इतनी साफगोई से हुआ कि आर्मी की इंटेलीजेंस विंग तक को उस पर शक नहीं हुआ। युवक को ट्रेनिंग में भेजने की तैयारी थी, इसी दौरान उसके मोबाइल पर बजी एक मेसेज टोन ने पूरा मामला खोल दिया। मोबाइल चेक किया गया तो उसमें एक अन्य भर्ती सेंटर से आया मेसेज था। इस पर सेना अधिकारियों ने उससे सख्ती से पूछताछ की। पूछताछ में खुलासा हुआ कि उसके तार बरेली ही नहीं देश के कई शहरों में सेना भर्ती में फर्जीवाड़ा करने वाले बड़े गैंग से जुड़े हैं। आर्मी इंटेलीजेंस विंग उससे विस्तृत पूछताछ में जुटी है। गौरतलब है कि पिछले दिनों बरेली में अकेले अलीगढ़ के ही 10 से अधिक युवक फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भर्ती होने से पहले पकड़े गए थे।

अलीगढ़ का युवक फरीदपुर निवासी बना-

सेना भर्ती के बरेली सेंटर पर मई में रिक्रूटमेंट हुए थे। इस दौरान अलीगढ़ निवासी दिनेश कुमार बरेली के फरीदपुर का मूल निवासी होने के दस्तावेजों के आधार पर कांस्टेबल जीडी के तौर पर भर्ती हो गया। डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन तक में उसे पकड़ा नहीं जा सका। टयूजडे को उसे डिस्पैचिंग सेना की ट्रेनिंग में भेजना के लिए भर्ती मुख्यालय पर बुलाया गया। इसी दौरान उसके मोबाइल पर मैसेज टोन बजी। आर्मी ऑफिसर्स ने मोबाइल अंदर लाने पर आपत्ति करते हुए उसे पकड़ लिया। मोबाइल चेक किया तो उसमें सेना भर्ती के लिए आगरा कैंट से आया मैसेज था। इसी मैसेज के बारे में विस्तार से पूछताछ के दौरान युवक ने फर्जी दस्तावेज लगाकर भर्ती होने की बात कबूल कर ली।

चार घंटे तक सघन पूछताछ -

आर्मी ऑफिसर्स ने उससे करीब 4 घंटे सघन पूछताछ की। आखिरकार अभ्यर्थी ने फर्जीवाड़ा कबूला। फर्जी दस्तावेजों के षडयंत्र में शामिल ग्राम प्रधान, नोटरी पब्लिक और संबंधित जनसेवा केंद्र से निवास प्रमाण पत्र बनाने वाले पर भी कार्रवाई की तैयारी है।

फर्जी डॉक्यूमेंट से फिजिकल, मेडिकल और रिटेन पास-

बरेली में जनवरी और मई में आर्मी रिक्रूटमेंट ऑर्गनाइज किए गए थे। दिनेश कुमार जीडी सैनिक के पद पर आवेदन किया था। फिजिकल, मेडिकल और रिटेन एग्जाम पास करने के बाद उसे डिस्पैच के लिए बुलाया गया था। वह 20 सितंबर को सुबह 7 बजे के बजाय 10.30 बजे पहुंचा। वहीं, मोबाइल पर मेसेज से फर्जीवाड़ा का सुबूत मिला और मार्कशीट की छानबीन से सारे राज खुल गए।

मार्कशीट से लेकर निवास प्रमाण पत्र सब फर्जी-

- मामा के घर को बताया खुद का निवास- फरीदपुर, के बसवानपुर ग्राम निवासी मामा जयवीर शामिल

- महिला प्रधान से बनवाया चरित्र प्रमाण पत्र-

प्रधान प्रेमवती से दिनेश का फर्जी चरित्र और निवास प्रमाण पत्र बनाए

-जनसेवा केंद्र से ऑनलाइन फर्जी निवास प्रमाण पत्र बनवाया।

- नोटरी पब्लिक से फर्जी दस्तावेजों को असली साबित करने के लिए अटेस्टेड कराया।

- डॉक्यूमेंट्स पर हर जगह प्रधान प्रेमवती की मुहर लगी।

यूं खुल गया खेल-

-फोटोकॉपी के बजाया ओरिजिनल मार्कशीट मंगाई ।

-मार्कशीट लेकर आए युवक से सवाल-जवाब में भी संदिग्ध

- युवक ने खुद को अलीगढ़ निवासी और दिनेश का पड़ोसी बताया।

- आमने सामने बिठाकर पूछा तो खुला खेल

अलीगढ़ के लगातार बरेली आ रहे फर्जी अभ्यर्थी-

भर्ती अधिकारी के मुताबिक 10 से ज्यादा मामले अलीगढ़ से हैं। जबकि बरेली में अलीगढ़ से आवेदन नहीं हो सकता। मई में हुई भर्ती में यह पहला मामला पकड़ में आया है।

सेना भर्ती में लगातार फर्जीवाड़ा

- संडे को कर्नल का भाई बताने वाला दलाल पकड़ा गया।

- आईटीबीपी में तीन और बीएसएफ में दो युवक धरे गए।

- वर्ष 2013 से मई 2016 तक आर्मी भर्ती में करीब 40 धरे गए।

- वर्ष 2015 में भर्ती अधिकारी ने 24 फर्जीवाड़ा के मुकदमे दर्ज कराए।

अलीगढ़ निवासी युवक फरीदपुर से फर्जी डॉक्यूमेंट बनवाए थे। डिस्पैचिंग के दौरान मामला पकड़ में आया है। युवक समेत अन्य आरोपियों पर भी कार्रवाई होगी।

कर्नल राजीव दीक्षित, डायरेक्टर, एआरओ