-असली आईआरओ के लेटर से दो सेंटीमीटर बड़ा था लेटर

-सेना ने कैंट पुलिस के हवाले किए चारों फर्जी कैंडिडेट्स,

BAREILLY: सेना में फर्जी ज्वाइनिंग लेटर लेकर ट्रेनिंग के लिए पहुंचे कैंडिडेट्स का भंडाफोड़ इतनी आसानी से नहीं होता यदि उनके ज्वाइनिंग लेटर में अंतर न होता। दरअसल असली लेटर से फर्जी लेटर दो सेंटीमीटर बड़ा था। बस यहीं से सेना को शक हो गया और फिर हेडक्वार्टर से वेरीफाई कराने पर सारा भंडाफोड़ हो गया। थर्सडे को सेना ने चारों फर्जी कैंडिडेट्स को कैंट पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर सभी को गिरफ्तार कर लिया है।

फर्जी ज्वाइनिंग लेटर में एड्रेस है गलत

कैंडिडेट्स की पहचान बरौली बुलंदशहर निवासी मनीष, वांडवा भिवानी हरियाणा निवासी संदीप, रझौला महेंद्रगण निवासी धर्मचंद्र और दौसपुर महेंद्रगढ़ हरियाणा निवासी रवि के रूप में हुई है। सेना के फर्जी लेटर में उनके नाम और पिता के नाम तो सही हैं, लेकिन उनके एड्रेस गलत हैं। मनीष का एड्रेस श्मसाबाद पलवल हरियाणा, रवि का रामनगर पलवल हरियाणा, धर्मचंद्र का कृष्ण कालोनी पलवल हरियाणा और संदीप का बल्लभगढ़ हरियाणा लिखा है। यही नहीं सभी ने दिल्ली के अलग-अलग दलालों को रुपए दिए थे। इन दलालों से उनकी मुलाकात सदर मार्केट और गोपीनाथ मार्केट दिल्ली में हुई थी।

मनीष ने दिए थे 5 लाख रुपए

पूछताछ में मनीष ने बताया कि उसने बारहवीं की पढ़ाई उसकी मुलाकात सिहाली राजस्थान निवासी दशरथ सिंह चौहान से हुई थी। उसने ही दिल्ली सदर बाजार में दलाल रेशम से मुलाकात कराई थी। उसने आर्मी की लिखित परीक्षा भी दी थी लेकिन रेशम से कहा था कि वह सीधे एमईएस में भर्ती करा देगा। उसने दशरथ सिंह को ही 5 लाख रुपए भर्ती के लिए दिए थे। उसे 30 जून को ज्वाइनिंग लेटर लेकर जाट रेजीमेंट सेंटर भेजा गया था।

रेशम और डॉक्टर दलाल के नाम आए सामने

संदीप ने बताया कि उसने 12वीं की पढ़ाई की है। उसकी मुलाकात दिल्ली में सूबे सिंह उर्फ डॉक्टर से हुई थी। सूबे सिंह दौशपुर महेंद्रगढ़ का रहने वाला है। उसने भर्ती के लिए साढ़े 4 लाख रुपए दिए थे। धर्म चंद्र ने 11वीं पास किया है। उसकी मुलाकात भी दिल्ली में दलाल रेशम से हुई थी। उसने रेशम को सवा 3 लाख रुपए भर्ती के लिए दिए थे। इसके अलावा रवि की मुलाकात सूबे सिंह उर्फ डॉक्टर से हुई थी। उसका सौदा साढ़े 3 लाख रुपए में तय हुआ था लेकिन उसने रुपए दिए नहीं थे।

लिफाफे में डाला गया फर्जी लेटर

सेना के मुताबिक एमईएस में भर्ती के लिए इंडिपेंडेंट रिक्रूटमेंट आफिस (आईआरओ) से लेटर जारी होता है। यहां से कैंडिडेट्स को ज्वाइनिंग लेटर बाई हैंड भी दिया जाता और फिर लेटर को डाक से भी भेजा जाता है। 1 जुलाई को दिल्ली कैंट से 16 कैंडिडेट्स को एक साथ ज्वाइनिंग लेटर लिफाफा में रखकर भेजा गया। इसी लिफाफे में दलाल ने सेटिंग कर 4 अन्य फर्जी कैंडिडेट्स का एक और ज्वाइनिंग लेटर डाल दिया और 1 जुलाई को 16 की जगह 20 कैंडिडेट्स ट्रेनिंग के लिए पहुंच गए। ट्रेनिंग से पहले कैंडिडेट्स का डॉक्यूमेंट वैरीफिकेशन कराया जाता है। एक साथ दो ज्वाइनिंग लेटर देखे गए तो एक लेटर का साइज 2 सेंटीमीटर बड़ा था और उसमें अशोक स्तंभ भी नहीं था। इसी दौरान डाक से भी ज्वाइनिंग लेटर पहुंचा तो उसमें सिर्फ 16 कैंडिडेट्स का ही लेटर था। जिससे शक हुआ तो आर्मी हेडक्वार्टर से इसका वेरीफिकेशन कराया गया तो पता चला कि 4 कैंडिडेट्स का लेटर फर्जी है।

अन्य जगहों पर भी फर्जी कैंडिडेट्स भेजे जाने की संभावना

आईआरओ दिल्ली से जाट रेजीमेंट सेंटर को लेटर जारी हुआ है कि बरेली के अलावा अन्य जगहों पर भी फर्जी कैंडिडेट़्स ज्वाइनिंग के लिए पहुंचे होंगे। अब अन्य जगहों के भी सेंटर अलर्ट हो गए हैं। वहीं आर्मी और पुलिस दलाल रेशम और सूबे सिंह की तलाश में जुट गई है। इसके अलाव मनीष के परिवार वाले दशरथ सिंह की तलाश कर रहे हैं।