-जुलाई में पकड़े गए थे फर्जी कैंडिडेट्स लेकिन अभी तक नहीं पकड़े गए मास्टरमाइंड

-चार्जशीट लगी, 6 नामजद समेत 20 नामों का हो चुका है खुलासा

BAREILLY: सेना में अक्सर भर्ती के नाम पर फर्जीवाड़ा पकड़ा जाता है। पुलिस फर्जी कैंडिडेट्स और कुछ दलालों को भी पकड़ लेती है। एफआईआर दर्ज होती और चार्जशीट भी लग जाती है लेकिन असली खिलाडि़यों तक पुलिस पहुंच ही नहीं पाती है। 13 जुलाई को भी कैंट में दिल्ली से सीधे ज्वाइनिंग लेटर लेकर पहुंचे 4 फर्जी कैंडिडेट्स को पकड़ा गया था। लेकिन अभी तक पुलिस दिल्ली में बैठे मास्टरमाइंड को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। अब 18 सितंबर को भी सेना में भर्ती कराने के नाम पर 15 लाख की ठगी में पुलिस ने दलाल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया लेकिन असली खिलाड़ी कौन है इसका पता नहीं चल सका है।

चार्जशीट के बाद एक शख्स गिरफ्तार

13 जुलाई को सेना ने फर्जी कैंडिडेट्स बिजनौर और हरियाणा निवासी रवि, मनीश, धर्मचंद्र, संदीप को पकड़कर कैंट पुलिस के हवाले किया था। 14 जुलाई को पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर सभी को जेल भेज दिया था। पुलिस पूछताछ में चारों ने रेशम सिंह व अन्य के नाम बताए थे। मामले की जांच एसआई अमरपाल सिंह को सौंपी गई। उन्होंने बिना अधिकारियों की परमिशन के दिल्ली और हरियाणा जाने से ही इनकार किया। फिर उन्होंने एसएसपी से परमिशन मांगी लेकिन लॉ एंड आर्डर की प्रॉब्लम के चलते आसानी से परमिशन नहीं मिली। हालांकि उन्होंने 11 अगस्त 2016 को मामले में चार्जशीट दाि1खल कर दी।

दिल्ली व राजस्थान तक जुड़े तार

आईओ ने चार्जशीट दाखिल करने के बाद 28 अगस्त 2016 को एक अन्य आरोपी खड़ावांस कनीना महेंद्र गण हरियाणा निवासी रामपाल सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। रामपाल की गिरफ्तारी के बाद कारगिल अपार्टमेंट द्वारिका दिल्ली निवासी रेशम सिंह, रमेश, तनु कुमारी, सिंधौला मुंडावार अलवर राजस्थान निवासी दशरथ सिंह, बरोली बुलंदशहर निवासी वीरू उर्फ बृजेश व 14 अज्ञात के नाम सामने आए लेकिन इनमें से किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई। आईओ के ट्रांसफर के बाद अब जांच एसआई रामपाल सिंह को ट्रांसफर हो गई है।