एआरटी बरेली में इलाज करा रहे 109 एड्स मरीजों को किराया भत्ता नहीं

नॉन सीबीएस बैंक खाता होने से ट्रांसफर नहीं हो रहा योजना का पैसा

<एआरटी बरेली में इलाज करा रहे क्09 एड्स मरीजों को किराया भत्ता नहीं

नॉन सीबीएस बैंक खाता होने से ट्रांसफर नहीं हो रहा योजना का पैसा

BAREILLY:

BAREILLY:

शासन से एड्स-एचआईवी मरीजों को हर महीने मिलने वाली किराया भत्ता की सुविधा पर बैंक्स की भी अड़चन आड़े आ रही है। दरअसल, एड्स-एचआईवी पीडि़तों के खातों में सीधे किराया भत्ता की ट्रांसफर करने में बैंक्स की नॉन कोर बैंकिंग सर्विसेज की कमी रोड़ा बन रही है। योजना के तहत उन्हीं एड्स-एचआईवी पीडि़तों के खातों में किराया भत्ता की रकम भेजी जा सकती है, जिनके बैंक में कोर बैंकिंग सर्विसेज सुविधा हो। नॉन सीबीएस बैंक खाता वाले मरीजों को किराया भत्ता की रकम नहीं भेजी जा सकती। बरेली एआरटी में ऐसे फिलहाल ऐसे क्09 एड्स पीडि़त हैं, जिनके बैंक खाता नॉन सीबीएस हैं। इसके चलते इन्हें पिछले एक साल का किराया भत्ता नहीं मिल सका है।

क्यों जरूरी है सीबीएस खाता

उत्तर प्रदेश स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी, यूपीसैक्स की ओर से प्रदेश भर के एआरटी सेंटर में रजिस्टर्ड एड्स-एचआईवी पीडि़तों के लिए प्रति महीना क्00 रुपए किराया भत्ता की सुविधा शुरू की गई है। यह रकम एड्स-एचआईवी पीडि़तों को उनके बैंक खाते में ही ट्रांसफर करनी है, लेकिन इसके लिए बैंक्स का कोर बैंकिंग सर्विसेज, सीबीएस मुहैया कराना जरूरी है। दरअसल, सीबीएस वाले बैंक्स में खाता धारकों को मनी ट्रांजेक्शन और विड्रॉल समेत अन्य बुनियादी बैंक सुविधाएं संबंधित बैंक की किसी भी ब्रांच से मुहैया होती है। इस सुविधा के जरिए खाता धारक को बैंक की किसी एक ब्रांच तक ही सीमित रह जाने की परेशानी नहीं उठानी पड़ती।

खाता अपडेट होने का इंतजार

बरेली एआरटी में एड्स-एचआईवी के कुल रजिस्टर्ड मरीज क्8ख्ब् है। इनमें से क्ख्म्फ् ऐसे मरीज हैं, जिनका एआरटी के तहत इलाज शुरू हो गया है। किराया भत्ता की सुविधा के लिए महज भ्89 मरीजों की ओर से ही बैंक खातों की डिटेल्स दी गई। जबकि म्7ब् मरीजों का बैंक ब्योरा आना बाकी है। बैंक खाता की डिटेल्स देने वाले भ्89 मरीजों में ब्80 के बैंक खाता में किराया भत्ता की रकम भेजी जा चुकी है। जिन क्09 एड्स पीडि़तों के बैंक खाता नॉन सीबीएस होने के चलते किराया भत्ता की रकम नहीं मिल सकी, उन्हें एआरटी की ओर से अपने खाते अपडेट कराने के लिए लेटर भेजे गए हैं, जिससे उनके बैंक खाता सीबीएस हो सके। इसके लिए उन्हें सीबीएस वाले बैंक में खाता खोलने के भी सुझाव दिए गए हैं।

------------------

कुल रजिस्टर्ड मरीज क्8ख्ब्

एआरटी इलाज ले रहे क्ख्म्फ्

बैंक डिटेल्स देने वाले भ्89

भत्ता पाने वाले कुल मरीज ब्80

क्ख् महीने का भत्ता पाने वाले - क्0फ्

9 महीने का भत्ता पाने वाले - फ्77

भत्ता न पाने वाले मरीज क्09