बारादरी एरिया में सबसे ज्यादा सताई गई महिलाएं
- आशा ज्योति केंद्र पर चार महीने में आए 277 मामले
बारादरी में सबसे ज्यादा मामले
कॉल माह बारादरी किला सुभाषनगर अन्य
65- जुलाई 9 7 6 43
71- अगस्त 8 6 5 52
63- सितम्बर 6 5 4 48
78- अक्टूबर 10 7 6 55
जुलाई
घरेलू कलह दहेज उत्पीड़न छेड़छाड़ अन्य
23 4 12 26
अगस्त
घरेलू कलह दहेज उत्पीड़न छेड़छाड़ अन्य
31 7 21 28
सितम्बर
घरेलू कलह दहेज उत्पीड़न छेड़छाड़ अन्य
27 11 14 11
अक्टूबर
घरेलू कलह दहेज उत्पीड़न छेड़छाड़ अन्य
23 09 19 27
केस:1
बारादरी एरिया निवासी महिला ने जुलाई माह में वन स्टॉप सेंटर पर शिकायत कर बताया कि उसने दूसरे समुदाय के युवक से लव मैरिज की थी। उसके एक बेटी है। पति मारपीट कर घर से निकाल रहा है जबकि वह प्रग्नेंट थी। शिकायत आने पर वन स्टॉप सेंटर पर महिला के पति की काउसंलिंग करके समझाया गया। इसके बाद पति महिला को साथ ले गया। महिला अब पति के साथ रहकर बिजनेस में हाथ बंटा रही है।
केस:2
किला थाना क्षेत्र की महिला ने 181 पर कॉल करके घरेलू कलह की शिकायत की। टीम मौके पर पहुंची और महिला को वन स्टॉप सेंटर पर लाया गया। पता चला कि महिला को पति दहेज आदि के लिए तंग करता है। दोनों की काउंसलिंग की गई, दोनों ही आगे कार्रवाई से बचना चाह रहे थे। सितम्बर माह से साथ रहे हैं।
बरेली:
शहर में महिलाओं के साथ अत्याचार कम नहीं हुए हैं। आज भी महिलाएं घरेलू हिंसा, छेड़छाड़, दहेज उत्पीड़न का लगातार शिकार हो रही हैं। यह बात हम नहीं बल्कि आशा ज्योति केंद्र वन स्टॉप सेंटर पर आने वाली कॉल्स बता रही है। पिछले चार महीनों में 277 महिलाओं ने कॉल करके शिकायत की। इसमें सबसे अधिक कॉल्स बारादरी एरिया से आई। सेकंड नम्बर पर किला और थर्ड नम्बर पर कॉल सुभाषनगर एरिया की हैं।
समाधान के साथ रोजगार भी
वन स्टॉप सेंटर पर आने वाली महिलाओं को मेडिकल, एफआईआर और विधिक परामर्श भी फ्री दिया जाता है। जिसमें कोई भी पीडि़ता महिला पति से या फिर छेड़छाड़ की शिकार है तो उसे सिर्फ कॉल करके 181 पर सूचना देनी होती है। इसके बाद टीम आरोपी के खिलाफ एक्शन लेती है और पीडि़ता नाम भी ओपन नहीं किया जाता है। पीडि़ता के लिए वन स्टॉफ सेंटर की तरफ से उसकी समस्या का समाधान कराया जाता है। इतना ही नहीं महिलाओं स्किल डेबलमेंट के लिए वन स्टॉप सेंटर पर सरकार की तरफ से अब तक कई महिलाओं को ट्रेनिंग देने के बाद रोजगार भी मुहैया कराया जा चुका है।
फ्री दी जाती है ट्रेनिंग
वन स्टॉप सेंटर पर महिलाओं को स्किल डेवलमेंट के लिए रिसेप्शनिस्ट और ब्यूटिशियन की ट्रेनिंग दी जाती है। एक बैच में 30 महिलाओं को ट्रेनिंग दी जाती है। सेंटर से अब तक छह बैच निकल चुके हैं। इसमें कई महिलाएं जॉब कर रही हैं तो कई अपना पार्लर चला रही हैं।
एक वर्ष तक होता है फॉलोअप
आशा ज्योति केन्द्र वन स्टॉप सेंटर पर महिलाओं कीे जो शिकायतें आती हैं। उन्हें समाधान दिलाना ही नहीं उनका फॉलोअप भी वन स्टॉप सेंटर से किया जाता है। फॉलोअप के लिए आशा ज्योति केन्द्र पर तैनात स्टाफ फोन या फिर मौके पर टीम भेजकर भी कराता है। ताकि कोई कंप्लेन होने पर उस पर एक्शन लिया जा सके। फॉलोअप छह माह तक या फिर एक साल तक एक माह में कम से कम एक बार किया जाता है।
वन स्टॉप सेंटर पर जो भी कप्लेन कॉल्स आती हैं उसका प्राथमिकता के तौर निस्तारण किया जाता है। इसमें परामर्श, कार्रवाई और विधिक सेवाएं भी फ्री दी जाती हैं।
नीता अहिरवार, डिप्टी सीपीओ