नाइट ड्यूटी के दौरान हमला

पीडि़ता रजनी (परिवर्तित नाम) कैंट एरिया में रहती है। उसके पांच बच्चे हैं। वह सिविल लाइंस स्थित सिद्धि विनायक हॉस्पिटल में पिछले नौ साल से नर्स है। मंडे को हॉस्पिटल में उसकी नाइट ड्यूटी थी। रजनी का आरोप है कि सुबह करीब चार बजे वह ओटी में मौजूद थी। ओटी में सुबह उसने मुकेश को चाय बनाकर दी। इसके बाद मुकेश ने गाली-गलौज शुरू कर दी.  विरोध पर वह उसे पीटने लगा। इस दौरान वहां पर दूसरा ड्राइवर रूप सिंह भी आ गया। दोनों ने ओटी का दरवाजा बंद कर लिया और उसके साथ रेप का प्रयास करने लगे। रूप सिंह ने उसके दोनों हाथ पीछे कर पकड़ लिए और मुकेश उसके कपड़े फाडऩे लगा।

किसी तरह से खुद को बचाया

रजनी ने खुद को बचाने का काफी प्रयास किया। इसमें मुकेश के चेहरे पर कई चोटें आ गईं। चोट लगने पर दोनों और भड़क गए। दोनों ने उसकी जमकर पिटाई की। रजनी का आरोप है कि दोनों उसका 'दामिनीÓ जैसा हाल करने की धमकी दे रहे थे। काफी हाथापाई के बाद वह किसी तरह वहां से बच निकली। रजनी ने बताया कि बाहर आने पर हॉस्पिटल के एक डॉक्टर ने उसे चुप रहने की सलाह दी। उससे कहा गया कि अगर उसने किसी को इस बारे में बताया तो हॉस्पिटल की बदनामी हो जाएगी।

पड़ोसी से झूठ बोला

रजनी के पड़ोसी अनुज (परिवर्तित नाम) ने बताया कि वह सिद्धि विनायक हॉस्पिटल के पास स्थित एक दूसरे अस्पताल में काम करता है। रजनी घर से रोजाना उसके साथ ही आती-जाती थी। ट्यूजडे सुबह जब वह रजनी को लेने हॉस्पिटल पहुंचा तो एक कर्मी ने बताया कि रजनी की डबल ड्यूटी लग गई है। इस पर उसे भरोसा नहीं हुआ तो वह रजनी को खोजते हुए ऊपर ओटी में पहुंच गया। वहां रजनी के एक कोने में बैठी हुई थी और कुछ बोल नहीं पा रही थी। ओटी में हॉस्पिटल स्टाफ के कुछ लोग मौजूद थे उन्होंने उसे वापस लौटा दिया।

काफी शातिर है मुकेश

रजनी के परिजनों ने बताया कि घटना की सूचना पर वेडनसडे सुबह वह हॉस्पिटल पहुंचे और रजनी को वहां से छुड़ाकर लाए और रजनी को कोतवाली लेकर पहुंचे। रजनी केे मेडिकल के बाद कोतवाली पुलिस ने मुकेश व रूप सिंह के खिलाफ कई धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कर लिया। दोनों आरोपियों को कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस पूछताछ में मुकेश ने बताया कि उसके पिता का नाम स्वर्गीय ओमकार सिंह है। वह मॉडल टाउन का रहने वाला है। मुकेश डॉक्टर बृजेश्वर के साथ करीब 16 साल से काम कर रहा है। वह उनका पर्सनल ड्राइवर है। पूछताछ में सामने आया कि 2006 में मुकेश ने एक व्यक्ति रामकुमार की डंडा मारकर हत्या कर दी थी। मामले में तीन और लोग पप्पू, महेंद्र, व नरेंद्र भी आरोपी थे। मुकेश का कहना है कि केस 2008 में समाप्त हो चुका है। वहीं रूप सिंह के पिता का नाम माता प्रसाद है। वह कटरा चांद खां का रहने वाला है। वह हॉस्पिटल में एंबुलेंस का ड्राइवर है।

पहले भी कर चुका है छेड़खानी

रजनी ने बताया कि उसकी इतनी हालत खराब हो गई कि उसकी आवाज नहीं निकल रही थी। पूरे दिन के बाद ट्यूजडे की पूरी रात भी उसे हॉस्पिटल से बाहर नहीं जाने दिया गया। वेडनसडे सुबह उसके परिजनों ने उसे बाहर निकाला। रजनी का आरोप है कि मुकेश पहले भी कई बार उसके साथ छेड़खानी और मारपीट कर चुका है। लेकिन हर बार हॉस्पिटल प्रशासन बचा लेता था। बता दें कि मुकेश पर हत्या और लड़की भगाने जैसे मामले पहले से ही दर्ज हैं।

अटेंप्ट टू रेप का आरोप बेबुनियाद है। हॉस्पिटल में 15 लोगों का स्टाफ मौजूद था। दोनों ड्राइवर्स ने महिला के साथ मारपीट की है, जो गलत है। उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। दोनों ड्राइवर्स को हॉस्पिटल से निकाल दिया गया है।

-डॉ। बृजेश्वर सिंह

ओनर, सिद्धि विनायक हॉस्पिटल