राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज में इनडोर वार्ड बने कबाड़

6 साल से ज्यादा समय बीता, कोई मरीज एडमिट नहीं

BAREILLY: शहर के प्रेमनगर एरिया में स्थित राजकीय आयुर्वेदिक हॉस्पिटल साल दर साल बीतने के बाद मरीजों को बेहतर करने के बजाए खुद बीमार बन गया है। नगर निगम की विवादित जमीन पर लंबे समय से चल रहा यह हॉस्पिटल बेशक सरकारी कागजों में भरा-पूरा हॉस्पिटल दिखाया जाता हो, लेकिन हकीकत में इसकी हालत प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र से भी गई गुजरी हो गई है। राजकीय आयुर्वेदिक हॉस्पिटल में मरीजों का मुहैया होने वाला इलाज कबाड़ की शक्ल ले चुका है। हॉस्पिटल के वार्ड जहां कंडम हो गए हैं, वहीं मरीजों को एडमिट करने की सुविधा कबाड़खाना बन गई है।

इनडोर में बाइक पार्किंग

हॉस्पिटल में पिछले कई साल से सिर्फ ओपीडी ही चल रही है। जबकि इनडोर सुविधा पूरी तरह ठप पड़ी है। हॉस्पिटल के इनडोर वार्ड का सबसे बुरा हाल है। यहां पिछले 6 साल से ज्यादा समय से एक भी मरीज को एडमिट कर इलाज न दिया जा सका है। इनडोर में 25 बेड का वार्ड है। 11 बेड वाले महिला वार्ड का फर्नीचर जहां बुरी तरह जंग खाकर खराब हो गया है। वहीं 14 बेड वाले मेल वार्ड में फर्नीचर कबाड़ की शक्ल में बदलने के बाद इस जगह का इस्तेमाल स्टाफ बाइक पार्क करने में करता है।

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हॉस्पिटल में ओपीडी रेगुलर संचालित होती है। इनडोर वार्ड काफी साल पहले से ऐसे ही हालत में है। मेरी नियुक्ति बाद में हुई है। - डॉ। रश्मिबाला, इंचार्ज हॉस्पिटल