-बीसीबी का एजुकेशनल सेशन स्टार्ट होने के बाद भी नहीं आ रहे हैं स्टूडेंट्स

BAREILLY

बीसीबी में एजुकेशनल सेशन स्टार्ट हुए एक वीक हो चुके हैं, लेकिन स्टूडेंट्स ने अभी तक क्लासेज की ओर रुख नहीं किया है। हैरत की बात है कि कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन भी स्टूडेंट्स को प्रजेंट रहने के लिए बाध्य नहीं कर पा रहा है। ऐसे में, प्रोफेसर्स अपना बचाव जरूर करने का नया तरीका इजाद कर लिए हैं। स्टूडेंट्स के न आने पर बंद क्लास रू म की फोटो क्लिक कर अपने साथ रख रहे हैं। ताकि, बाद में वह क्लास न लेने के आरोप से बच सकें।

अधूरे रह जाते हैं कोर्स

बीसीबी के प्रोफेसर्स पर अक्सर आरोप लगते रहे हैं कि वह स्टाफ रूम में बैठकर गप्पे लड़ाते रहे हैं। क्लास रूम अटेंड नहीं करते हैं। इस कारण स्टूडेंट्स को परेशानी झेलनी पड़ती है। सिलेबस भी पूरा नहीं हो पाता है। नतीजन स्टूडेंट्स को आधे-अधूरे सिलेबस के भरोसे एग्जाम देना पड़ता है। इस एजुकेशनल सेशन में प्रोफेसर्स पर क्लासेज नहीं जाने का आरोप न लगे। इसलिए एक प्रोफेसर्स ने अनोखी पहल शुरू की है। उसी के तहत वेडनसडे को हिस्ट्री डिपार्टमेंट के प्रो। शफीकुद्दीन बीए थर्ड की क्लास अटेंड करने पहुंचे, लेकिन उन्हें एक भी स्टूडेंट नहीं मिला। इस पर उन्होंने 'रूम क्लोज्ड क्लास हिस्ट्री ऑल अब्सेंट' लिखकर उसका फोटो खींच लिया। प्रोफेसर का कहना है जब कॉलेज मैनेजमेंट या स्टूडेंट्स लीडर क्लास अटेंड नहीं करने का आरोप लगाएंगे, तो इस फोटो को सबूत के तौर पर पेश करेंगे।

चेतावनी का नहीं हुआ था असर

यूनिवर्सिटी की गाइडलाइन के मुताबिक उन्हीं स्टूडेंट्स को एग्जाम में बैठने की अनुमति है। जिनकी 75 परसेंटेज अटेंडेंस हो। लेकिन स्टूडेंट्स यूनिवर्सिटी की इस शर्त को पूरा नहीं करते हैं। हालांकि लास्ट सेशन में बीसीबी ने स्टूडेंट्स पर सख्ती की थी। 14000 के पेरेंट्स के मोबाइल पर स्टूडेंट्स के नहीं आने की मेसेज भेजा था, लेकिन इसका भी कोई असर नहीं दिखा। मजबूरी में कॉलेज मैनेजमेंट को 75 परसेंटेज अटेंडेंस पूरी नहीं होने पर ही एग्जाम में बैठने की अनुमति दी।