-छात्रसंघ चुनाव की तैयारियों में जुटे छात्र नेता

-15 सितम्बर से पहले होना है छात्रसंघ का चुनाव

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क्चन्क्त्रश्वढ्ढरुरुङ्घ

बीसीबी में छात्रसंघ चुनाव का बिगुल बजते ही छात्र नेता सक्रिय हो गए हैं। वह छात्रसंघ चुनाव लड़ने के लिए मुद्दे खोजने में जुट गए हैं। छात्र प्रतिनिधियों का कहना है कि वह लाइब्रेरी की पुरानी किताबों को राजनीति का मुद्दा बनाएंगे। क्योंकि लाइब्रेरी में रखीं किताबें आउट ऑफ सिलेबस हो गई हैं, इस कारण स्टूडेंट्स को खासी परेशानी झेलनी पड़ती है। उन्हें मार्केट से बुक्स परचेज करनी पड़ रही हैं।

15 सितम्बर से पहले होने हैं चुनाव

नौ अगस्त को बीसीबी के बोर्ड ऑफ कंट्रोल की बैठक हुई थी। जिसमें डीएम गौरव दयाल ने कॉलेज मैनेजमेंट को 15 सितम्बर से पहले छात्रसंघ चुनाव कराने के निर्देश दिए थे। डीएम के आदेश होते ही बीसीबी में छात्रसंघ चुनाव की सरगर्मियां तेज हो गई। छात्र नेताओं ने चुनाव लड़ने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। सछास की छात्रनेता का कहना है कि वह इस बार चुनाव में लाइब्रेरी की किताबों को मुद्दा बनाएंगी। इसी पर स्टूडेंट्स से वोट मांगे जाएंगे। वहीं, एबीवीपी विभाग संयोजक अजीत पटेल का कहना है कि वह आउट साइडर की कैंपस में एंट्री बैन हो, इसे प्रमुखता से उठाएंगे। उधर, कॉलेज मैनेजमेंट ने वाइस प्रिंसिपल डॉ। अजय कुमार शर्मा को चुनाव अधिकारी भी नियुक्त कर दिया है।

और नहीं हो पाए चुनाव

2013-14 शैक्षिक सत्र में भी बीसीबी ने छात्रसंघ के चुनाव कराने की घोषणा की थी। प्रत्याशी तैयारियों में जुटे थे कि इस दौरान हंगामा हो गया। जिससे कॉलेज की छवि काफी धूमिल हुई। इस कारण कॉलेज ने चुनाव कराने से इनकार कर दिया। 2014-15 में भी चुनाव नहीं हो सके। 2015-16 के शैक्षिक सत्र में चुनाव की मांग ने फिर जोर पकड़ा। कॉलेज मैनेजमेंट के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए। स्टूडेट लीडर भूख हड़ताल पर बैठे। लेकिन हर बार कॉलेज मैनेजमेंट ने उन्हें चुनाव कराने का लॉलीपॉप देकर टाल गया। लेकिन चुनाव नहीं हो पाए।

वर्जन

लाइब्रेरी में आउट ऑफ कोर्स की किताबें हैं। जिस कारण स्टूडेंट्स को मार्केट से बुक्स खरीदनी पड़ रही है। इस बार कॉलेज मैनेजमेंट की इस खामी को चुनावी मुद्दा बनाऊंगी।

जैनब फातिमा, सछास की छात्रा प्रतिनिधि

कॉलेज कैंपस में आउट साइडर घूमते रहते हैं। वह कैंपस में छेड़छाड़, मारपीट आदि की घटनाओं को अंजाम देकर भाग जाते हैं, जिस कारण कॉलेज की छवि धूमिल होती है। इसलिए इस बार इसी मुद्दे पर चुनाव लड़ूगा।

अजीत पटेल, विभाग संयोजक, एबीवीपी