-सरकार ने क्लीन स्कूल-ग्रीन स्कूल योजना के मानकों में किया बदलाव

-सूबे में 100 कॉलेज होंगे स्मार्ट, हर कॉलेज को मिलेगा 50 लाख का बजट

BAREILLY गवर्नमेंट इंटर कॉलेज में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स स्मार्ट होंगे। वह करेंट अफेयर्स से अपडेट होंगे। फर्राटेदार इंग्लिश बोलेंगे। क्योंकि उन्हें सीबीएसई की तर्ज पर स्मार्ट क्लास में पढ़ाया जाएगा। शासन ने 'क्लीन स्कूल-ग्रीन स्कूल' योजना के तहत राजकीय कॉलेजेज में स्मार्ट क्लासेज डेवलप करने के निर्देश माध्यमिक शिक्षा विभाग को दिए हैं। डीआईओएस ने जीआईसी और जीजीआईसी में स्मार्ट बनाने का प्रस्ताव तैयार करके शासन को भेजा है।

प्रमुख सचिव ने लिखा लेटर

राजकीय इंटर कॉलेज में शिक्षा के स्तर में सुधार हो सके। स्टूडेंट्स पढ़ाई को बोझ न समझें। उनमें पढ़ाई के प्रति रूचि पैदा हो। उन्हें इंटरनेट की सुविधा मुहैया हो। इसके लिए सरकार ने 'क्लीन स्कूल-ग्रीन स्कूल' योजना लांच की थी। इसके तहत उसने सूबे के 100 इंटर कॉलेजेज में स्मार्ट क्लासेज बनाने के लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग से प्रस्ताव मांगे। डीआईओएस गजेन्द्र कुमार ने राजकीय इंटर कॉलेज और राजकीय ग‌र्ल्स इंटर कॉलेज में स्मार्ट क्लासेज बनाने प्रस्ताव तैयार करके शासन को भेजा। लेकिन योजना ठंडे बस्ते में चली गई। एक जून को प्रमुख सचिव ने जितेन्द्र कुमार ने सूबे के सभी डीआईओएस को 'क्लीन स्कूल-ग्रीन स्कूल' योजना के संबंध में लेटर भेजा। इसके माध्यम से से उन्होंने शासन द्वारा योजना के मानकों में हुए बदलाव के बारे में बताया। साथ ही नए मानकों के आधार पर दोबारा प्रस्ताव भेजने को कहा। डीआईओएस गजेन्द्र कुमार ने फिर से जीआईसी और जीजीआईसी में स्मार्ट क्लासेज बनाने का प्रस्ताव शासन को भेजा है। उन्होंने बताया हर कॉलेज में स्मार्ट क्लास बनाने के लिए 50 लाख रुपए का बजट सरकार द्वारा जारी किया जाएगा।

यह हुए बदलाव

पहले-अब

1-विद्यालय जनपद मुख्यालय पर स्थित हो। -विद्यालय का जनपद मुख्यालय पर स्थित होना अनिवार्य नहीं

2-विद्यालय में कम से कम 500 स्टूडेंट्स हों। -विद्यालय में कम से कम 400 स्टूडेंट्स हों।

विद्यालय में इंटरमीडिएट स्तर की कक्षाएं हों। -विद्यालय में एक साथ दो वर्गो की कक्षाओं।

3-नियमित रूप से संचालित हों, कला, विज्ञान, वाणिज्य एवं कृषि में से किन्हीं कक्षाएं संचालित की जा रही हों। -विद्यालय में एक साथ दो वर्गो की कक्षाओं के संचालन पर एक वर्ग की कक्षाओं का संचालन किया जाना।

4- विद्यालय के पास खेल के मैदान के लिए पर्याप्त भूमि हो। -नगरीय क्षेत्र में खेल के मैदान की अनिवार्यता नहीं है।