- आरटीओ में बढ़ती जा रही दलालों की सक्रियता, कार्रवाई के निर्देश जारी

- एसएनटीसी में दर्ज मामले पर हुई जांच, दलालों की सक्रियता की पुष्टि

BAREILLY:

आरटीओ दलालों का अड्डा बनता जा रहा है, जिसका खुलासा डीएम द्वारा गठित 'से नो टू करप्शन' एसएनटीसी ने किया है। जिसमें आरटीओ पर लाइसेंस बनाने के लिए दलाल पब्लिक को झांसा में लेकर लूटा जा रहा है। कंप्लेन की जांच में दलाल सक्रिय होने की पुष्टि होने पर डीएम ने एडीएमई से कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए हैं। वहीं, आरटीओ को भी दलालों को चिह्नित करने और कार्रवाई के बाबत पत्र लिखा है।

एसएनटीसी पर हुई थी शिकायत

थाना देवरनिया के ग्राम पंचायत चटिया निवासी रामवीर ने 8 दिसंबर को एसएनटीसी में आरटीओ में दलाल के जरिए लाइसेंस बनाने की शिकायत की थी। उन्होंने दलाल का नाम गोपाल बताया था, जो आरटीओ ऑफिस के बाहर बैठता है। जांच में पता चला कि दलाल ने फोर व्हीलर के दो ड्राइविंग लाइसेंस के लिए रामवीर से 26 सौ रुपए वसूले थे। जबकि नियमानुसार एक डीएल के लिए 300 रुपए फीस है। एसएनटीसी ने जांच रिपोर्ट एडीएमई को दी। एडीएमई ने एसएनटीसी की रिपोर्ट के आधार पर आरटीओ में दलाल की संलिप्तता की जानकारी डीएम को दी। मामले से अवगत कराया तो दलालों को खदेड़ने के निर्देश जारी हुए हैं।

आरटीओ नहीं करता है कार्रवाई

गौरतलब है कि बरेली के पूर्व डीएम गौरव दयाल ने एसएनटीसी का गठन किया था। गठन के कुछ दिनों बाद ही आरटीओ में दलाली के कई मामलों की शिकायत दर्ज हुई थी। जिस पर उन्होंने एडीएम सिटी को जांच के निर्देश दिए थे। अगस्त माह में हुए औचक निरीक्षण में एडीएम सिटी ने 5 संदिग्ध लोगों को पकड़कर आरटीओ को सौंप दिया था। साथ ही, उनके पास मिले डॉक्यूमेंट्स की जांच के निर्देश दिए थे। मामले पर पूर्व डीएम ने आरटीओ को पत्र लिखकर आरटीओ से दलालों को चिन्हित कर कार्रवाई के निर्देश दिए थे। पर बाद में आरटीओ ने किसी को भी दलाल नहीं मानते हुए उन्हें ग्रीन सिग्नल दिखा दिया। डीएम को दलाल नहीं होने की बात कही।

आरटीओ में दलालों की सक्रियता के बाबत शिकायत आई है। जिसकी जांच एसएनटीसी को दिए गए थे। जांच में पुष्टि होने पर आरटीओ को कार्रवाई के लिए लिखा है।

एसपी सिंह, एडीएमई