शहर में बने साइकिल ट्रैक एनक्रोचमेंट का बोलबाला

सीएम समेत शहर की जनता भी कब्जेदारों के आगे बेबस

BAREILLY:

'साइकिल' को सियासी गलियारे से निकालकर सड़कों पर लाने और आम जनता को इसे चलाने से हेल्दी बनाने की शासन की ख्वाहिश बरेली में फिलहाल दम तोड़ रही। सीएम अखिलेश यादव की इस महत्वाकांक्षी योजना शुरू होते ही कब्जेदारों की नजर लग गई। शहर में सेटेलाइट चौराहा से लेकर शहामतगंज चौराहा तक बनाए गए साइकिल ट्रैक पर जगह-जगह अवैध कब्जा हो गया है। वहीं जिला प्रशासन से लेकर पुलिस, नगर निगम और बीडीए मिलकर भी शहर की सड़कों, चौराहों और फुटपाथ के बाद सीएम के ट्रैक को भी एनक्रोचमेंट से बचाने में नकारा साबित हुए।

जगह-जगह रास्ता बंद

सैटेलाइट से शहामतगंज चौराहा तक बीडीए की साइकिल ट्रैक, फुटपाथ और सड़क चौड़ीकरण बनाए जाने की योजना पर करीब 8 करोड़ का खर्च एस्टीमेट किया गया है। जिसमें साइकिल ट्रैक पर ही करीब 42 लाख की लागत आई। लेकिन लाखों फूंकने के बावजूद इस ट्रैक पर एक भी साइकिल नहीं चल सकी। वजह इस ट्रैक के बीच जगह जगह ब्लॉकेज हैं। कहीं पंक्चर टायर दुरुस्त करने वाले बीच ट्रैक अपनी दुकान सजाकर बैठे हैं। वहीं बड़े-बड़े वाहनों से लेकर क्रेन को खड़ा कर साइकिल ट्रैक को पार्किंग बना दिया।

साइकिल सवारों की बेरुखी

साइकिल ट्रैक पर जगह जगह कब्जेदारों के रोड़े ही बाधा नहीं बने हैं। बल्कि साइकिल चलाने वालों की बेरुखी भी इस ट्रैक को सुनसान करने की वजह बनी है। इस ट्रैक का निर्माण साइकिल सवारों के लिए सेफ रास्ते के तौर पर किया गया। वहीं ज्यादा से ज्यादा लोग साइकिल चलाकर खुद को हेल्दी रखने के साथ ही शहर को भी ट्रैफिक जाम और पॉल्यूशन की बढ़ती दिक्क्त से निजात दिलाएं। लेकिन ऐसा हुआ नहंी। ट्रैक पर स्कूटर व बाइक सवार फर्राटा भरते नजर आते हैं, और साइकिल सवार बीच सड़क पर।