- ब्रांडेड कंपनियां भी कस्टमर के साथ कर रही चीटिंग
- लीगल मेट्रोलॉजी डिपार्टमेंट ने पकड़े ऐसे कई मामले
<- ब्रांडेड कंपनियां भी कस्टमर के साथ कर रही चीटिंग
- लीगल मेट्रोलॉजी डिपार्टमेंट ने पकड़े ऐसे कई मामले
BAREILLY:
BAREILLY:
बदलते परिवेश में पब्लिक में ब्रांडेड प्रोडक्ट इस्तेमाल करने की होड़ सी है। खाने-पीने से लेकर कपड़ों और रोजमर्रा के हर जरूरी प्रोडक्ट में ब्रांडेड कंपनीज ने कब्जा कर लिया है। पब्लिक आंख बंद करके ब्रांड के पीछे भाग रही है। इस बात को बड़ी कंपनीज भी खूब समझती हैं। शायद इसी का फायदा उठाकर कंपनीज कस्टमर से चीटिंग कर रही हैं। पिछले दिनों बड़े नाम वाली कंपनी के छोटे काम पकड़ में आए। हालांकि उनकी यह करतूत लीगल मेट्रोलॉजी डिपार्टमेंट ने पकड़ लिया, तो फिर कार्रवाई भी हुई।
ब्रांडेड कंपनियां कर रही फ्रॉड
ब्रांडेड कंपनियों की पोल तब खुली जब लीगल मेट्रोलॉजी डिपार्टमेंट ने छापेमारी की। छापेमारी में बंज इंडिया ऑयल में खामियां सामने आई। डालडा ब्रांड का रिफाइंड सोयाबीन ऑयल तय वेट से ख् लीटर कम पाया गया। अधिकारियों के मुताबिक डिब्बे पर क्फ्.म्भ्0 ग्राम प्रिंट था। वेट करने पर ऑयल ख् लीटर कम पाया गया। इस मामले में कंपनी को नोटिस भी जारी की गई है। इसी तरह ईजी डे का आटा, चीनी भी बिना प्रोडक्ट डिक्लियेरेशन मिला। कस्टमर के साथ धोखा करने में रिलायंस, लासा माट, अल्ट्रा ट्रेक, बर्जर पेंट, फोर्ड सभी नामचीन कंपनियां शामिल हैं। पिछले साल भी एक ब्रांडेड कंपनी के एलसीडी के स्क्रीन में कमी पाई गई थी। कंपनी ने ख्क् इंच की एलसीडी टीवी के बजाए ख्0 इंच की बेच रही थी।
और भी कई चीजों में धोखाधड़ी
अधिकारियों ने मुताबिक ब्रांडेड कंपनीज गारमेंट्स प्रोडक्ट में भी कंपनियां खेल कर रही हैं। अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस, सर्विस में कमी, प्रोडक्ट्स में एक से अधिक इफेक्ट, प्राइस से ज्यादा पैसे लेना या फिर सब स्टैंडर्ड प्रोडक्ट को बेचना शामिल है। बनियान, टी-शर्ट, शर्ट, पैंट जैसे प्रोडक्ट में खेल कर कंपनियां कस्टमर को चूना लगा रही हैं। 8भ् सेंटीमीटर का बनियान और टी शर्ट 8फ्-8ब् सेंटीमीटर का बेचा जा रहा है। कस्टमर के साथ फ्रॉड कर रही ब्रांडेड कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा चुकी है।
नहीं होता है शक
कस्टमर प्राय: ब्रांडेड कंपनियों के प्रोडक्ट पर शक नहीं करते हैं। मैक्सिमम केस में ब्रांड के नाम पर लोग बिना तोलमोल फ्रिज, कूलर, एलसीडी, प्रेस, माइक्रोवेव ओवन जैसे महंगे प्रोडक्ट ले आते हैं। उन्हें ठगे जाने का अहसास भी नहीं होता है। इस बात का फायदा कंपनियां उठा रही हैं। छोटे-मोटे घालमेल के जरिए कंपनियां बड़ा मुनाफा कमा रहीं है। ऑफिसर्स की मानें तो, छोटे से छोटे हेर फेर से कंपनियां महंगे प्रोडक्ट पर क्,000 से ख्,000 रुपए तक का बचत कर रही हैं।
छापेमारी में खुली पोल
बरेली डिस्ट्रिक्ट में लीगल मेट्रोलॉजी डिपार्टमेंट ने इस फाइनेंशियल ईयर में अभी तक क्,0ब्ख् जगहों पर छापेमारी की है। जिन 7म् मामलों में खामियां मिलीं उसमें ब्रांडेड कंपनियों के नाम भी शामिल हैं। जिसमें रिफाइन, आटा, चीनी, पेंट और सीमेंट सभी चीजों में कंपनियां अपने कस्टमर के साथ धोखा करती पाई गई। इसके एवज में उनसे ख्,म्0,000 रुपए का जुर्माना वसूल गया। पिछले फाइनेंशियल ईयर में टोटल क्क्8 लोगों पर कार्रवाई की गई। इनमें से भ्ब् शॉप और शोरूम ओनर्स से जुर्माना वसूल किया गया था।
सावधानी है जरुरी
ब्रांडेड और नॉन ब्रांडेड प्रोडक्ट्स खरीदते वक्त बेहद सावधान रहने की जरूरत है। कोई भी सामान खरीदते वक्त आप एक्सपायरी और मैनुफैक्चरिंग डेट, रेट-वेट, एड्रेस की अच्छी तरह जांच कर लें। यदि किसी शॉप और शोरूम ओनर मना करे तो इसकी कंप्लेन लीगल मेट्रोलॉजी डिपार्टमेंट और कंज्यूमर फोरम में की जा सकती है।
कार्रवाई का है प्रावधान
पैकेज्ड कम्युडिटी - ख्0क्क् रूल्स के अकॉर्डिग जिस भी कंपनी के प्रोडक्ट में कमियां और खामियां हैं। उसके खिलाफ नोटिस भेजा जा जाता है। घटतौली का मामला सामने आने पर शॉप ओनर के खिलाफ लीगल मेट्रोलॉजी अधिनियम ख्009 धारा फ्0 के अंतर्गत कार्रवाई करता है। इसके अंतर्गत शॉप व शोरूम ओनर पर क् लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
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ये होती है कमियां
- अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस।
- सर्विस में कमी।
- प्रोडक्ट्स में एक से अधिक इफेक्ट।
- प्राइस से ज्यादा पैसे लेना।
- सब स्टैंडर्ड प्रोडक्ट को बेचना
- प्रोडक्ट्स के वेट और साइज में कमी।
फॉर योर इंफॉर्मेशन
- डिस्ट्रिक्ट में लीगल मेट्रोलॉजी ऑफिस - सीबीगंज, डेलापीर, बहेड़ी और फरीदपुर।
- इंस्पेक्टर की संख्या - ब्।
- इस फाइनेंशियल ईयर में टोटल जांच हुई- क्0ब्क्।
- टोटल केस दर्ज हुए - 7म्।
- जुर्माना वसूल किया गया- ख्,म्0,000.
- रूल्स के अकॉर्डिग एक लाख रूपए तक का जुर्मानें का प्रावधान।
नोट- यह आंकड़ा बरेली डिस्ट्रिक्ट का है।
ब्रांडेड कंपनी के खिलाफ हुई कार्रवाई
कंपनी - कार्रवाई व जुर्माना - खामियां मिली
- लासा मार्ट - फ्भ्,000 - पैकेट पर डिक्लियेरेशन नहीं था।
- रिलायंस सिमेंट - भ्0,000 - एमआरपी नहीं।
- अल्ट्राटेक सिमेंट - भ्0,000 - एमआरपी नहीं।
- बर्जर पेंट - ख्0,000 - डिक्लियेरेशन नहीं था।
- ईजी डे - ख्भ्,000 - आटे, चीनी के पैकेट पर डिक्लियेरेशन नहीं।
- बंज इंडिया निर्मित डालडा रिफाइंड सोयाबीन - कंपनी को नोटिस - क्फ्.म्भ्0 केजी की जगह क्क्.म्भ्0 केजी मिला।
- फोर्ड स्पेयर्स पार्ट्स - मामला दर्ज - स्पेयर्स पार्ट्स पर डिक्लियेरेशन नहीं।
इस फाइनेंशियल में एक हजार से अधिक छापेमारी हुई है। जांच में कई ब्रांडेड कंपनियों के प्रोडक्ट भी मानक के अनुरूप नहीं मिले। उनपर कार्रवाई की गई है।
बीके जिज्ञासु, सीनियर इंस्पेक्टर, लीगल मेट्रोलॉजी डिपार्टमेंट