मां के सपोर्ट से मिला हौसला

पीसीबी से क्लास 12 में स्कूल की टॉपर बन चुकी हार्टमन की स्टूडेंट प्रियंका दास कहती हैं उन्होंने मेडिकल के लिए कोई भी ज्वॉइंट इंट्रेंस एग्जाम नहीं दिया है, इसकी वजह इंडियन फॉरेस्ट सर्विसेज में जाने के लिए बीएससी करना जरूरी होता है, इसलिए वह पहले पूरे कंसंट्रेशन से बीएससी करना चाहती हैं। प्रियंका की मदर सी दासगुप्ता कहती हैं कि बेटी के इस डिसीजन में वह उसके साथ हैं। हालांकि, घर में यह बात ज्यादा पसंद नहीं की गई।

बांटने से बढ़ती है knowledge

सेंट मारिया की क्लास 10 की स्टूडेंट इफरा शम्सी का मानना है कि एजुकेशन बांटने से ही बढ़ती है। हर कोई इंजीनीयिर और डॉक्टर बनेगा तो फ्यूचर स्टूडेंट्स को पढ़ाने के लिए कौन बचेगा। एग्जाम में 93.40 परसेंट माक्र्स हासिल करने वाली इफरा ने बताया कि वह टीचिंग फील्ड में काफी लंबा सफर तय करना चाहती है और प्रोफेसर बनना चाहती है। इसके लिए वह अपनी पढ़ाई पर ज्यादा कंसनट्रेट कर रही है। इफरा के फादर खवर जमाल शम्सी पेशे से बिजनेसमैन हैं। उन्होंने बताया कि इफरा को कभी पढऩे के लिए फोर्स नहीं किया। यहां तक कि उलटा कहना पड़ा कि बाद में कुछ पढ़ लेना। उसने अपनी पढ़ाई के साथ-साथ छोटे भाई को भी पढ़ाया।

Judiciary है मेरा passion

सेंट मारिया की क्लास 10 की स्टूडेंट अदिति शर्मा ने एग्जाम में 95.2 परसेंट माक्र्स स्कोर किए हैं। उसके फादर सुनील दत्त शर्मा ज्यूडिशियरी सर्विस में हैं। अदिति को भी इस फील्ड में काफी इंट्रेस्ट है लेकिन वह इस फील्ड में काफी आगे जाना चाहती है। अदिति ने बताया कि वह लॉ की पढ़ाई कर जज बनना चाहती हैं। वह मानती हैं कि इस फील्ड में अच्छे और सच्चे बंदों की ज्यादा जरूरत है। अदिति ने इंग्लिश में 90, कम्प्यूटर में 100, मैथ्स में 98, एचसीजी में 92 और हिंदी में 96 परसेंट माक्र्स स्कोर किए हैं।

Army करती है attract

स्वर्णिम जीपीएम कॉलेज में क्लास 12 में आट्र्स की स्टूडेंट हैं, उन्होंने हिंदी में सर्वाधिक 92 माक्र्स स्कोर किए हैं। वह एनडीए की प्रिप्रेशन कर रही हैं। स्वर्णिम कहती हैं कि उन्हें हमेशा ही इंडियन आर्मी अट्रैक्ट करती रही है। वह कहती हैं कि मैथ्स की स्टूडेंट होने के बावजूद उन्होंने आट्र्स की पढ़ाई की। कहती हैं कि आट्र्स की पढ़ाई उन्हें एनडीए के लिए काफी हेल्प करेगी।

चेतन भगत ने किया inspire

क्लास 10 के सेकेंड टॉपर आदिल खान पीसीएम के स्टूडेंट होने के बावजूद राइटर बनने का सपना देखते हैं। उनके फादर शुजा उल्लाह के मुताबिक आदिल राइटर बनने के लिए अभी से कुछ न कुछ लिखता रहता है। वह तमाम राइटिंग कॉम्पिटीशंस में हमेशा टॉप करता रहा है। वह फिक्शंस में काफी रुचि लेता है। मैथ्स का स्टूडेंट होने के बावजूद उसे इंजीनियर बनने का इरादा नहीं है। उन्हें चेतन भगत सबसे ज्यादा पसंद हैं।

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