बढ़ते साइबर क्राइम को रोकने के लिए एसटीएफ चलाएगी ऑपरेशन

ऑपरेशन में यूपी पुलिस झारखंड एसटीएफ की ले रही है मदद, अब तक एक हजार की डिटेल कलेक्ट

>BAREILLY:

पब्लिक के अकाउंट को खंगालने वाले क्रिमिनल्स को रोकने के लिए यूपी एसटीएफ ने एक कदम उठाया है। यूपी एसटीएफ झारखंड एसटीएफ के साथ मिलकर क्रिमिनल्स का 'ज्वाइंट ऑपरेशन' करेगी। इस ऑपरेशन से क्रिमिनल्स जेल के अंदर होगा। आप सोच रहे होंगे न कि झारखंड टीम के साथ ज्वाइंट ऑपरेशन क्यों। दरअसल, साइबर क्रिमिनल्स का अड्डा झारखंड में है। इसलिए आपरेशन में झारखंड एसटीएफ से भी मदद ली जा रही है। ऑपरेशन की शुरुआत करते हुए एटीएफ ने साइबर क्राइम के शिकार हुए लोगों डिटेल कलेक्ट करना शुरू कर दिया है। अब तक एक हजार पीडि़त की डिटेल कलेक्ट हो चुकी है।

जमतारा व गिरिधी हैं ठिकाना

यूपी एसटीएफ के एसपी व साइबर कॉप ऑफ इंडिया त्रिवेणी सिंह को ऑपरेशन की कमान दी गई है। अभी तक की जांच में एसटीएफ इतना पता चल चुका है कि साइबर क्रिमिनल्स का ठिकाना झारखंड के जमतारा व गिरिधी डिस्ट्रिक्ट में है। बिहार में भी ठगों ने अपनी जड़े जमा रखी हैं। झारखंड के इन जिलों में पुलिस का पहुंचना आसान नहीं होता है। इसी के चलते ठगों नेटवर्क चलाने में कोई दिक्कत नहीं होती है।

हजार पीडि़तों का डाटा कलेक्ट

एसटीएफ का मानना है कि साइबर क्रिमिनल्स का नेटवर्क काफी बड़ा है और उनका ठिकाना झारखंड से चल रहा है। लिहाजा झारखंड एसटीएफ की मदद ली गई है। साइबर क्रिमिनल्स पर शिकंजा कसने के लिए टीम पहले फेज में देश के अलग-अलग राज्यों से पीडि़तों की डिटेल कलेक्ट की जा रही है। इसके लिए फेसबुक, व्हाट्स एप, ट्विटर, मेल, व अन्य मीडियम का सहारा लिया जा रहा है। पीडि़तों से ठगी के दौरान उनके अकाउंट से निकाले गए रुपयों की डिटेल की कॉपी भी मांगी जा रही है। इसके अलावा जिन नंबरों से ठगों ने कॉल किया है उस नंबर को भी पीडि़तों से मांगा जा रहा है। अब तक करीब 1 हजार पीडि़तों की डिटेल एसटीएफ के पास पहुंच चुकी है।

इन पर भी होगी कार्रवाई

एसटीएफ आपरेशन के दौरान साइबर ठगों के अलावा पैसा ट्रांसफर करने वाली कंपनियों की भी जांच कर कार्रवाई करेगी। फेक अकाउंट होल्डर के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा जिन नंबरों से कॉल की जा रही है। उन नंबरों के फेक सिम जारी करने वालों पर भी एक्शन लिया जाएगा।

यहां भेज सकते हैं डिटेल

यदि आप भी ठगी के साइबर ठगों के शिकार हुए हैं तो एसपी एसटीएफ को अपने साथ हुई वारदात की डिटेल भेज सकते हैं। इसके लिए आप triveni@upstf.com पर मेल कर सकते हैं। इसके अलावा व्हाट्स एप नंबर 9454402289 पर भी डिटेल फेज सकते हैं। आप इस नंबर पर मैसेज के जरिए भी डिटेल भेज सकते हैं। यदि पुलिस केस दर्ज नहीं भी करती है तो भी आप यहां शिकायत दर्ज करा सते हैं।

बॉक्स मैटर बरेली में हुए हैं कई शिकार

29 जुलाई को प्रेमनगर के संजय सब्बरवाल का पिन कोड जानकर ठगों ने अकाउंट से 75 हजार रुपए निकाले

23 जुलाई को कोतवाली में श्याम के अकाउंट से 18 हजार रुपए निकाल लिए गए।

कोतवाली में शशिबाला के अकाउंट से 55 हजार रुपए ठगे गए।

ऐसे करते हैं ठगी

साइबर ठग एटीएम का नंबर, पिन नंबर, ओटीपी नंबर जानकर सोशल इंजीनियरिंग ट्रिक से अकाउंट से रुपए निकाल लेते हैं। इसके लिए वह फेक अकाउंट तैयार कर लेते हैं। इन फेक अकाउंट में ही कस्टमर के अकाउंट से रकम ट्रांसफर कर ली जाती है। इसके अलावा ठग ई-वेलेट अकाउंट से भी ठगी करते हैं। इसके लिए ठगपेमेंट गेट वे या पीओएस परचेजिंग यानी मोबाइल रिचार्ज का यूज करते हैं। ठग लोगों को अपने झांसे में लेने के लिए खुद को आरबीआई, आईआरडीए, सेबी, इंश्योरेंस कंपनी, कोर्ट व अन्य कंपनी का अधिकारी बताते हैं। लोगों को जाल में फंसाने के लिए वह हर तरकीब यूज करते हैं। कभी एटीएम बंद होने तो कभी एटीएम रिन्यू करने तो कभी कुछ बहाने बनाते हैं।

लोगों से हो रही साइबर ठगी का पर लगाम लगाने के लिए यूपी एसटीएफ झारखंड व बिहार पुलिस के साथ ज्वाइंट आपरेशन चला रही है। देश के सभी राज्यों से साइबर ठग पीडि़तों की डिटेल मांगी जा रही है।

त्रिवेणी सिंह, एसपी एसटीएफ लखनऊ