-सीएम के जन सुनवाई पोर्टल पर समय से आख्या नहीं देने वाले अफसरों की तैयार की गई लिस्ट

-समय से आख्या नहीं देने वाले अफसरों को नोटिस भेजकर मांगा गया स्पष्टीकरण कार्रवाई की तैयारी

<द्गठ्ठद्द> क्चन्क्त्रश्वढ्ढरुरुङ्घ<द्गठ्ठद्दद्गठ्ठस्त्र> :

जनता की समस्याओं की सुनवाई कर उनका तत्काल निस्तारण कराए जाने की सीएम की मंशा को बरेली के तमाम अफसर पलीता लगा रहे हैं। यही वजह है कि तमाम समस्याएं लंबित पड़ी हुई हैं। हालांकि, लापरवाही को शासन ने गंभीरता से लिया है और एक कमेटी का गठन कर नकारे अफसरों पर नजर रखने के लिए कहा है। इस क्रम में कमेटी ने नोटिस जारी करते हुए एक दर्जन से अधिक अफसरों को डिफॉल्टर घोषित ि1कया है।

15 दिन में नहीं कर रहे जांच

जनसुनवाई पोर्टल पर की गई शिकायत की मानीटरिंग शासन स्तर से होती है। पोर्टल पर आयी शिकायतें संबंधित विभाग के अफसर को ट्रांसफर कर दी जाती है। संबधित विभाग के अफसर को शिकायत की 15 दिन में जांच कर आख्या देनी पड़ती है। आख्या बाईहैंड के साथ ऑनलाइन पोर्टल पर भी अपलोड करनी पड़ती है। जिसके बाद जनसुनवाई पोर्टल से शिकातयकर्ता के पास समस्या समाधान का मैसेज आ जाता है। शिकायतों की सुनवाई की इतनी बेहतर व्यवस्था अधिकारियों की लापरवाही के चलते पंगु होती जा रही है। कई विभाग के अफसर जांच रिपोर्ट समय से शासन को सेंड नहीं कर रहे हैं। आख्या नहीं देने की वजह से पोर्टल पर की गई शिकायतों की पेंडिग बढ़ती जा रही है। बढ़ती पेंडिंग की समस्या को दूर करने के लिए डिस्ट्रिक्ट स्तर पर निगरानी के लिए कमेटी बनाई गई है।

अब गिरेगी एक्शन की गाज

लापरवाह अधिकारियों को नोटिस के बाद एडीएम फाइनेंस ने समस्याओं के निस्तारण के लिए 15 दिन का समय दिया है। जिन विभाग के अधिकारियों को नोटिस भेजा जाएगा उन्हें बताना होगा कि 15 दिन में कितनी शिकायतें विभाग पास पहुंची हैं। जिसमें से कितनी शिकायतों की सुनवाई करके आख्या पेश की गई है और कितनी पर नहीं। इसके बाद भी जो अधिकारी जांच पूरी ने करने का दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए शासन को संस्तुति की जाएगी।

जन सुनवाई पोर्टल पर की गई शिकायत का समय से निस्तारण नहीं करने वाले अफसरों को डिफाल्टर घोषित किया गया है। उनको नोटिस भेजी जा रहा है, जिससे वह पेडिंग शिकायतों का निस्तारण जल्द से जल्द कर दें।

जगतपाल सिंह, एडीएम फाइनेंस

पब्लिक अवेयर हो रही है और अपनी समस्या ऑन लाइन पोर्टल पर कर रही है तो अफसरों को भी उसका समय रिस्पांस देना चाहिए। जिससे पब्लिक में अफसरों और ऑनलाइन के प्रति विश्वास बना रहे।

संदीप, सर्विसमैन

इन्हें जारी हुए नोटिस

विभाग कितनी शिकायतें निस्तारण डिफाल्टर

-खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग 2 - 2

-उप्र कोऑपरेटिव फेडरेशन जिला प्रबंधक 3 - 3

-बेसिक शिक्षा अधिकारी बरेली 17 15 2

-जिला कृषि अधिकारी 5 - 5

-इंस्पेक्टर प्रेमनगर 4 3 1

-अपर पुलिस अधीक्षक 12 9 3