-डिस्ट्रिक्ट में इस साल 1996 स्टूडेंट्स ने कराया रजिस्ट्रेशन

-लास्ट के मुकाबले करीब 1200 स्टूडेंट्स इस बार बढ़ गए

>BAREILLY : मंजिल उन्हीं को मिलती है। जिनमें मंजिल की राह में आई रुकावटों को हराकर आगे बढ़ने का जज्बा होता है। डिस्ट्रिक्ट के परिषदीय स्कूल्स में कुछ ऐसे ही जज्बा रखने वालों की संख्या में इस बार इजाफा हुआ है। परिषदीय स्कूल में शारीरिक रूप से कमजोर बच्चों की संख्या 1200 बढ़ी है। इससे साफ है कि पिछले वर्ष के मुकाबले इस बार दिव्यांग में एजुकेशन का क्रेज बढ़ा है। एक्सपर्ट इसे एजुकेशन और दिव्यांग बच्चों के लिए अच्छा मान रहे हैं।

1996 स्टूडेंट्स हैं दिव्यांग

शैक्षिक सत्र 2016-17 स्टार्ट होते ही बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी परिषदीय स्कूल्स में अधिक से अधिक स्टूडेंट्स का रजिस्ट्रेशन कराने में जुट गए। स्टूडेंट्स द्वारा रैली निकाली गई। बेसिक शिक्षा विभाग की मेहनत रंग लगाई। स्टूडेंट्स के रजिस्ट्रेशन का ग्राफ तेजी से बढ़कर चार लाख से पार कर गया। इस दौरान विभाग ने हाउस होल्ड सर्वे कराया तो यह पता चला कि पिछले वर्ष के मुकाबले इस बार 1996 दिव्यांग बच्चों का एडमिशन हुआ है। जिनकी संख्या गत वर्ष की अपेक्षा 1200 ज्यादा है।

दिव्यांगों को मिलता है भत्ता

मालूम हो कि ब्लाइंड स्टूडेंट्स को स्कूल आने-जाने के लिए सरकार की ओर से 250 रुपए प्रतिमाह किराया भत्ता दिया जाता है। हालांकि सरकार ने इसके लिए शर्त रखी है कि यह भत्ता उन्हीं स्टूडेंट्स को दिया जाएगा, जिनकी 75 प्रतिशत हाजिरी होगी। इससे कम हाजिरी वाली स्टूडेंट्स को किराया भत्ता नहीं दिया जाएगा। हालांकि जो बच्चे चल नहीं पाते या दूसरी तरह से विकलांग है। उन्हें कोई भत्ते की व्यवस्था नहीं है।

फॉर योर इंफॉर्मेशन

पूर्ण दृष्टिबाधित-53

आंशिक दृष्टिबाधित-141

मूक बधिर-277

वाणी दोष-177

अस्थि बाधित-663

मानसिक विकलांग-445

अधिगम विकलांग-44

सेरेग्रल पाल्सी-12

ऑटिज्म-2

बहु विकलांग-182

परिषदीय स्कूल्स में दिव्यांग स्टूडेंट्स की संख्या बढ़ना अच्छी बात है। टीचर्स को निर्देश दिए गए हैं कि वह रोजाना स्कूल जाएं। साथ ही स्टूडेंट्स को पढ़ाएं। शिक्षा का स्तर सधुरेगा, तो नौनिहालों की संख्या अपने आप बढ़ेगी।

एश्वर्या लक्ष्मी यादव, बीएसए