राजकीय आयुर्वेद कॉलेज में एलोपैथी डॉक्टर्स की क्लास में मुश्किल

डॉक्टर्स के पढ़ाने पर डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल की ओपीडी में भी दिक्कत

>BAREILLY:

इन दिनों डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के डॉक्टर्स पर मरीजों के इलाज से इतर भी दोहरी चिंता सवार है। शासन के नए आदेश ने इन डॉक्टर्स संग डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल और राजकीय आयुर्वेद कॉलेज व हॉस्पिटल को भी हलकान कर दिया है। दरअसल, शासन ने आयुर्वेद कॉलेज में स्टूडेंट्स को एलोपैथी डॉक्टर्स की ओर से पढ़ाए जाने का फरमान जारी किया था, लेकिन सरकार के इस फरमान को फॉलो करने में डॉक्टर्स की कमी के चलते अड़चन आ रही है। डॉक्टर्स आयुर्वेद कॉलेज में स्टूडेंट्स की क्लास लें तो ओपीडी खाली होने से मरीज परेशान हो रहे हैं। वहीं मरीजों को इलाज देने को क्लास न लेने पर आयुर्वेद के मेडिकल स्टूडेंट्स की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।

8 डॉक्टर्स पर जिम्मेदारी

शासन की ओर से राजकीय आयुर्वेद कॉलेजों में एलोपैथी के एक्सपर्ट डॉक्टर्स की क्लासेज शुरू कराने के पीछे स्टूडेंट्स को ह्यूमन बॉडी व इलाज के बारे में बेहतर जानकारी देने की मंशा है। बरेली के राजकीय आयुर्वेद कॉलेज के लिए डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल से 8 डॉक्टर्स की ड्यूटी लेक्चर के लिए लगाई है। इनमें रेडियोलॉजिस्ट डॉ। राजकुमार, पैथोलॉजिस्ट डॉ। यूबी सिंह, पीडियाट्रिशियन डॉ एसके सागर, चेस्ट फिजिशियन डॉ। एमएल शर्मा, एनेस्थेसिस्ट डॉ। दिग्विजय सिंह, सर्जन डॉ। एके अग्रवाल, आई सर्जन डॉ। एके गौतम और फीमेल हॉस्पिटल की गायनकोलॉजिस्ट डॉ। नीलम आर्या शाि1मल हैं।

कोर्स हो रहा प्रभावित

राजकीय आयुर्वेद कॉलेज में स्टूडेंट्स को मेडिकल की टेक्निकल एजुकेशन देने लायक टीचर्स का पूरी तरह टोटा है। वहीं डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में भी ओपीडी से लेकर इनडोर व इमरजेंसी में डॉक्टर्स की जबरदस्त कमी है। डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल की ओर से अपने डॉक्टर्स का लेक्चर देने का शेड्यूल तैयार करा दिया गया, लेकिन कई बार इमरजेंसी ड्यूटी या साथी डॉक्टर के न रहने के चलते डॉक्टर्स अपना लेक्चर देने राजकीय आयुर्वेद कॉलेज नहीं जा पा रहे। इससे आयुर्वेद कॉलेज के थर्ड व लास्ट ईयर के स्टूडेंट्स की पढ़ाई पर असर पड़ रहा। रेगुलर क्लासेज न हो पाने से स्टूडेंट्स का कोर्स और उनकी एजुकेशन दोनों पिछड़ रहे। कॉलेज की प्रिसिंपल डॉ। प्रीति शर्मा ने चिंता जताई है।

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आयुर्वेद कॉलेज में लेक्चर देने का शेड्यूल है लेकिन ओपीडी में कमी के चलते डॉक्टर्स रेगुलर जा नहीं पा रहे। आयुर्वेद कॉलेज से इस बारे में परेशानी जताई गई लेकिन हम भी मजबूर हैं।

- डॉ। परवीन जहां, सीएमएस