बरेली में हर साल जरूरत के मुताबिक नहीं हो पाती पानी की सप्लाई

अवैध सबमर्सिबल, पानी की बर्बादी और जल संरक्षण न होने से दिक्कत

BAREILLY:

स्मार्ट सिटी बनने की तैयारी में जुटा 70 वार्डो वाला बरेली शहर पानी की बुनियादी जरूरत पूरी करने की चुनौती से ही पार न पा सका है। हालत यह हैं कि 1982 में नगर निगम का दर्जा मिलने के 34 साल बाद भी शहर की रोजाना जरूरत ़140 एमएलडी के मुकाबले महज 105 एमएलडी की ही सप्लाई हो रही। यह आंकड़े नगर निगम के जलकल विभाग के ही हैं। शहर में अवैध तरीके से लगे सबमर्सिबल पंप, सड़कों व वाहनों की धुलाई से बर्बादी और जल संरक्षण के तरीके न अपनाने से अंडरग्राउंड पानी का स्तर लगातार गिरता जा रही। शहर मानसून में भले ही जलभराव की समस्या से जूझता हो लेकिन गर्मियों में पानी की मांग 160 एमएलडी तक पहुंचने से किल्लत का सामना करता है।

12 फीसदी पानी बर्बाद

जलकल विभाग से शहर को रोजाना 105 एमएलडी की पानी की सप्लाई भेजी जाती है। यह सप्लाई शहरी मांग का तीन चौथाई से भी कम है। जलकल विभाग के मुताबिक पुरानी पाइप लाइन में जगह जगह लीकेज के चलते करीब 10-12 एमएलडी पानी रोजाना बर्बाद होता है। वहीं शहर के 1.42 लाख रजिस्टर्ड करदाताओं के मुकाबले करीब 61 हजार के वहां ही वॉटर कनेक्शन है। बाकी बिना वॉटर कनेक्शन के ही पानी का उपभोग कर रहे बल्कि बर्बाद भी कर रहे। रही सही कसर बिना परमिशन जगह जगह लगे सबमर्सिबल पंप ने कर दी। जिसके चलते बरेली से अंडरग्राउंड वॉटर का लेवल पिछले 5 साल में करीब 5 मीटर से ज्यादा कम हुआ है।

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शहरी एरिया की कुल तादाद - 9.80 लाख

शहर में कुल वार्डो की संख्या - 70

रोजाना पानी की मांग -140 एमएलडी

गर्मियों में पानी की मांग - 160 एमएलडी

जलकल से रोजाना सप्लाई - 105 एमएलडी

हर दिन पानी बर्बादी - 10-12 एमएलडी

रोजाना प्रति व्यक्ति पानी की जरुरत - 135 एलपीसीडी

रोजाना प्रति व्यक्ति पानी की सप्लाई - 100 एलपीसीडी

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