- रोजाना 20 से अधिक अभ्यर्थी लर्निग के टेस्ट में हो रहे फेल

- दस दिन का समय मिलने के बाद भी एग्जाम नहीं कर पा रहे पास

BAREIILY:

सड़क पर वाहन लेकर उतरने से पहले ही ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने वाले अभ्यर्थी ट्रैफिक के सवालों में फंस जा रहे हैं। आरटीओ विभाग द्वारा पूछे जा रहे सवालों में उलझ जाने के चलते लोगों के लर्निग ही नहीं बन पा रहे हैं। हैरत की बात यह है कि बार-बार मौका दिए जाने के बाद भी टेस्ट पास करने वालों की संख्या में खास फर्क नहीं पड़ रहा है। टेस्ट पास नहीं होने के चलते लोगों के लाइसेंस जारी नहीं हो पा रहे हैं।

टेस्ट में हो रहे फेल

लर्निग के लिए अप्लाई करने वाले अभ्यर्थियों से ट्रैफिक नियमों से जुड़े सवाल किए जाते हैं। इनमें ब्रेकर, जेब्रा क्रॉसिंग, रेलवे सिग्नल, राइट व लेफ्ट मुड़ना है जैसे-सवाल पूछे जाते है। लेकिन, जब प्रतीक चिह्न को दिखाकर आरआई अभ्यर्थियों से सवाल करते हैं तो वे सवालों के जाल में उलझ जाते हैं। इस तरह के अभ्यर्थियों की संख्या एक-दो नहीं है। बल्कि, लर्निग के लिए आरटीओ ऑफिस आने वाले 45 से 50 अभ्यर्थियों में से अधिकतर अभ्यर्थियों का यही हाल है। आरआई वीके चौधरी ने बताया कि रोजाना टेस्ट में फेल होने वाले अभ्यर्थियों की संख्या 20 से अधिक है। जिन्हें दोबारा प्रतीक चिह्न के बारे में जानकारी हासिल कर आने को कहा जाता है।

दस दिन का मौका

आरटीओ विभाग की ओर से अभ्यर्थियों को दस दिन का समय दिया जाता है। ताकि, वे दोबारा ट्रैफिक नियमों से जुड़ी जानकारी हासिल कर लर्निग के होने वाले टेस्ट को पास कर सके। लेकिन, टाइम दर टाइम दिए जाने के बाद भी कई अभ्यर्थी ऐसे है जो कि 6-6 महीने से विभाग के चक्कर काट रहे हैं। लेकिन लर्निग का टेस्ट पास नहीं कर पा रहे हैं। जो किसी तरह से टेस्ट पास भी कर ले रहे हैं वह परमानेंट लाइसेंस के वक्त ड्राइविंग टेस्ट में लटक जा रहे हैं, जिस वजह से पिछले कुछ महीने में आरटीओ विभाग से जारी होने वाले लर्निग और परमानेंट में चार पहिया चलाने वाले ड्राइविंग लाइेंसस की संख्या में कमी आयी है।

टेस्ट में दर्जनों लोग रोजाना फेल होते हैं, जिन्हें मौका दिया जाता है। फिर भी ट्रैफिक सिग्नल से जुड़ी जानकारी अभ्यर्थी नहीं पाते है। ऐसे लोगों के लर्निग जारी करने पर रोक लगा दी जा रही है।

वीके चौधरी, संभागीय प्राविधिक निरीक्षक, परिवहन विभाग