- लखीमपुर रेंज के दुधवा नेशनल पार्क से बुलाए गए चार हाथी

- पत्थर मारने से उग्र हुए हाथी, मची भगदड़

बरेली : हाथियों का आतंक थमने का नाम नही ले रहा है। शेरगढ़ से मीरगंज के परचई गांव में थर्सडे को हाथियों के पहुंचने से दहशत का माहौल रहा। देर रात तक वन अफसर हाथियों को खदेड़ने का प्रयास करते रहे लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी। फ्राईडे सुबह ही वन अफसर फिर जद्दोजहद में लग गए। सुबह करीब दस बजे हाथियों ने परचई से कूच किया, बीच-बीच में वन अफसर मिर्ची का धुंआ और हवाई फायरिंग करते रहे जिस कारण हाथी कुछ सहमे भी नजर आए। वन अफसर लगातार ग्रामीणों से हाथियों से 20 मीटर की दूरी बनाए रखने को एनाउंसमेंट करते रहे। लेकिन शाम 6 बजे तक हाथियों ने सिर्फ दस किलोमीटर का सफर तय किया। परचई से हाथी नरेली रसूलपुर पहुंच कर नदी किनारे बैठ गए। वह नदी के रास्ते ही यहां तक पहुंचे कई बार उन्होने नदी किनारे बैठकर आराम भी किया।

साधेंगे दुधवा के हाथी

वन अफसरों ने अब लखीमपुर रेंज के दुधवा नेशनल पार्क से मदद की गुहार लगाई है। यहां सें चार हाथियों को बुलाया गया है। जो सेटरडे सुबह यहां पहुंच जाएंगे। गौरतलब है कि हाथी झुंड में ही विचरण करते हैं। दुधवा के प्रशिक्षित हाथी भटक कर आए दोनों हाथियों पीलीभीत के महोफ रेंज में दाखिल कराएंगे।

स्कूल नहीं गए बच्चे

दो दिन से मीरगंज परचई गांव में हाथियों के कारण दहशत का महौल है। परिषदीय विद्यालयों के अलावा इलाकों के प्राईवेट स्कूलों में भी अवकाश घोषित कर दिया गया। हाथियों की दहशत के चलते आसपास के गांव वालों ने भी बच्चों को स्कूल भेजने से परहेज किया। मीरंगज के आसपास के गांवों में सुबह से ही सन्नाटा पसरा रहा।

मंदिर, मस्जिदों से भी होता रहा अनाउंसमेंट

हाथियों से सुरक्षा के मद्देनजर मंदिर और मस्जिदों से अनाउंसमेंट कराकर लोगों को घरों से बाहर न निकलने की हिदायत दी गई। खासतौर पर खेतों की ओर न जाने के लिए बार-बार अनाउंसमेंट कराया जाता रहा।

मारा पत्थर तो उग्र हुए हाथी

गांव परचई से दोपहर करीब 2 बजे वन अफसर हाथियों को खदेड़ने का प्रयास कर रहे थे इसी दौरान पास ही खड़ी भीड़ में से किसी ने हाथियों पर पत्थर से वार कर दिया, पत्थर सीधा हाथी को जा लगा जिस पर वह उग्र होकर भीड़ की तरफ बढ़ने लगे इस पर वहां भगदड़ मच गई। करीब आधे घंटे बाद हाथी शांत हुए तो वन अफसरों ने भीड़ को मौके से खदेड़ दिया।

डेढ़ दर्जन पीएसी भी तैनात

कड़ी मशक्कत के बाद भी थर्सडे देर रात हाथियों को खदेड़ने में वन विभाग के अफसर नाकामयाब रहे तो डीएफओ ने सुरक्षा के मद्देनजर डेढ़ दर्जन पीएसी उपलब्ध कराने की प्रशासन से मांग की, जिस पर फौरन ही हामी भर दी गई। आदेश मिलते ही शाम पांच बजे पीएसी भी मौके पर तैनात कर दी गई।

आज भेजी जाएगी एंबुलेंस

हाथियों के हमले से तीन लोग पहले ही अपनी जान गंवा चुके हैं। हाथियों के हमले से घायल लोगों को तुरंत इलाज मिल सके इसके लिए वन विभाग ने एंबुलेंस की मांग की है। आज वन विभाग को एंबुलेंस प्रोवाइड कराई जाएगी।

वर्जन

दुधवा नेशनल पार्क से चार हाथी बुलाए हैं। इनकी मदद से नेपाल से भटक कर आए दोनों हाथियों को महोफ रेंज में दाखिल कराया जाएगा। फिलहाल शाम 6 बजे तक दोनों हाथी करीब दस किलोमीटर की दूरी तय करके नरेली रसूलपुर गांव तक पहुंच गए हैं।

भरत लाल, डीएफओ।