- शराब के विज्ञापनों को लेकर शहर में आक्रोश, विभाग को नहीं दिखे विज्ञापन

- संस्थाओं ने जिलाधिकारी और आबकारी से विज्ञापन हटाने की मांग की

BAREILLY:

शहर की सीरत को दागदार करने वाले जगह-जगह लगे शराब के विज्ञापन आबकारी विभाग की टीम को दिखे ही नहीं। या ये कहें कि टीम ने इसे देखा ही नहीं। दरअसल, फ्राइडे को आबकारी विभाग की टीम शहर में कहां शराब के विज्ञापन लगे हैं। इसका निरीक्षण करने निकली थी लेकिन टीम ने विभागं को जो रिपोर्ट सौंपी है। उसमें कहा कि शहर में उसे शराब के प्रचार-प्रसार करने वाले विज्ञापन दिखे ही नहीं। वहीं दूसरी ओर कई सामाजिक संगठनों ने डीएम व आबाकारी विभाग को ज्ञापन सौंपकर शराब के विज्ञापन हटाने की मांग की।

आखिर कहां गए विज्ञापन

शहर के अलग-अलग इलाकों में शराब की करीब 30 मॉडल शॉप हैं। शॉप पर शराब के विभिन्न ब्रांड्स के बड़े-बडे़ विज्ञापन लगे हैं। बावजूद इसके टीम को शॉप पर लगे बड़े-बड़े होर्डिग्स, फलैक्सी नहीं दिखाए दिए। बताते चलें कि आबकारी विभाग के अधिनियम के तहत मादक पदार्थो के विज्ञापन पूरी तरह से प्रतिबंि1धत हैं।

लिस्ट दो हम हटवा देंगे

शराब को बढ़ावा दे रहे विज्ञापनों को हटवाने के लिए ज्ञापन सौंपने पहुंचे संस्कृति और सामाजिक संस्थाओं से आबकारी अधिकारी ने इसकी लिस्ट मांगी। साथ ही लोकेशन के बारे में पूछा तो संगठनों ने आई नेक्स्ट में प्रकाशित खबर के आधार पर विज्ञापन हटाने और एक्शन लेने की बात कही। इस बात पर अधिकारी ने लोकेशन ट्रेस कर विज्ञापनों की फोटो और लोकेशन बताने के बाद ही विज्ञापन को हटवाने का आश्वासन दिया।

समितियों ने सौंपे ज्ञापन

आई नेक्स्ट की पब्लिश न्यूज की कटिंग लेकर फ्राइडे को शहर की विभिन्न समाजसेवी और सांस्कृतिक संस्थाओं ने डीएम और आबकारी अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। इसमें मानव सेवा क्लब के महासचिव सुरेंद्र बीनू सिन्हा और अन्य पदाधिकारियों ने विज्ञापनों से महिलाओं और बच्चों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की बात कही। वहीं, राष्ट्रीय पत्र लेखक मंच के महामंत्री अखिलेश सक्सेना समेत सभी सदस्यों ने अधिकारियों से तत्काल हटाने की मांग की। ह्यूमन वर्किंग ग्रुप अध्यक्ष विशाल अग्रवाल ने समाज में नशे को बढ़ावा दे रहे विज्ञापनों विरोध जताया। युवा लोधी सभा के अध्यक्ष गौरव राजपूत ने विज्ञापनों को लगाने में विभाग की मिलीभगत बताया है।

पता ही नहीं अधिकार क्षेत्र

आबकारी अधिकारी एमएल द्विवेदी का कहना है कि दुकानों पर विज्ञापन लगवाना या हटवाना हमारे क्षेत्राधिकार से बाहर है। नगर निगम से दुकानों पर लगे शराब विज्ञापनों को हटवाने के लिए पत्र लिखा है। इस मसले पर अपने अधिकार क्षेत्र की और जानकारी जुटाने में हम लगे हैं।