-लोक अदालत में कई मामलों का निस्तारण

-मोटर दुर्घटना प्रतिकर में 3 करोड़ रुपए की धनराशि दिलाई गई

BAREILLY :

किसान-मजदूर सिर्फ कृषि ऋण में ही नहीं फंसे हुए हैं, वह व्यवसाय के लिए भी लोन लेकर बोझ तले दबे हुए हैं। ऐसे ही, किसानों को सैटरडे लोक अदालत में बड़ी राहत मिली, जब सुनवाई के दौरान उनके ऋण को कम कर दिया।

दीवानी के निपटे 122 मामले

लोक अदालत में 31 हजार से अधिक वादों का निस्तारण हुआ। जिसमें मोटर दुर्घटना प्रतिकर के 135 वाद निस्तारित हुये जिसमें वादकारियों को 3 करोड़ रुपए की सहायता राशि दिलायी गई। मजिस्ट्रेट न्यायालयों से 5,500 वादों का निस्तारण हुआ। दीवानी के 122 मामले निस्तारित हुए। पारिवारिक विवाह के 8 मामले निस्तारित हुए। बैंकों के 959 मामले निस्तारित किए गए। राजस्व न्यायालयों में 23,300 मामले निस्तारित हुए। बीएसएनएल के 800 मामले निस्तारित किये गए। श्रम न्यायालय के 35 मामले निस्तारित हुए। सेल्स टैक्स के 130 मामले निस्तारित और चकबन्दी के 52 मामले निस्तारित किए गए। लोक अदालत का इनॉग्रेशन जिला जज राजबीर सिंह, नोडल अधिकारी सैयद सरवर हुसैन रिजवी, सचिव जिला सेवा प्राधिकरण राम बाबू यादव सहित अन्य न्यायाधीश, एलडीएम, ओपी बडेरा, और कुशल गर्ग सहित विभिन्न बैंकों के अफसर भी माैजूद रहें.

-केस:1

शहर के मोहल्ला मलूकपुर से लोक अदालत में पहुंचे पप्पू और उनकी मां धनवती ने बताया कि उन्होंने चार वर्ष पहले साइकिल की दुकान के लिए 40 हजार लोन लिया था। लेकिन 10 हजार रिश्वत लेकर बैंक मैनेजर ने 30 हजार रुपए ही दिया था। 24 हजार रुपए बैंक में जमा भी कर दिए, लेकिन इसके बाद भी 16 हजार रुपए बकाया था। 15 दिन पहले बैंक से लोक अदालत की सूचना मिली। यहां पर बैंक के 15 हजार रुपए बकाए का 9 हजार रुपए में फैसला हो गया। मैंने रुपए भी जमा कर िदए।

केस:2

मगनापुर निवासी जागन सिंह जिला न्यायालय में लगी लोक अदालत में पहुंचे। उन्होंने पांच वर्ष पहले ऋण लिया था। वर्ष 2016 में जमा करने के बाद दोबारा निकाल लिया। ऋण मोचन प्रणाली में भी उनका नाम नहीं आया। अब 44 हजार से 58 हजार रुपए हो गया। राष्ट्रीय लोक अदालत में 50 हजार में निपटारा हो गया।

केस नम्बर:3

आंवला के पिपरिया निवासी सत्यपाल सिंह ने पांच वर्ष पहले सुअर पालन के लिए 70 हजार रुपए लोन लिया था। बिजनेस में घाटा होने पर लोन जमा नहीं कर पाए बैंक वाले नोटिस भेज रहे थे, कि डेढ़ लाख रुपए हो चुका कब जमा करोगे। आज लोक अदालत में सवा लाख जमा करना तय हुआ है। बकाया राशि को मैने किस्तों में जमा करने की बात कही है।

केस:4

पिपरिया उपराला गांव के ही मुरारी लाल ने बताया कि उन्होने भी पांच वर्ष पहले बिजनेस के लिए 70 हजार रुपए लिया था। जमा नहीं कर पाने से वह डेढ़ लाख हो गया। कई बार नोटिस जा चुके हैं लेकिन जमा करने के लिए पैसे ही नहीं थे। किसी तरह पैसे का इंतजाम किया, सवा लाख में निपटारा हुआ है।