- मालिकाना हक साबित होने पर क्लब ने बीडीए को निर्माण की मंजूरी के लिए दी अप्लीकेशन

- बीडीए ने वर्ष 2010 में जमीन को ग्रीन बेल्ट में तब्दील करने की बात कहकर फंसाया पेंच

BAREILLY:

बरेली क्लब को मालिकाना हक तो मिल गया लेकिन स्पो‌र्ट्स कॉम्लेक्स बनाकर शहर को स्मार्ट बनाने में योगदान की मंशा धराशाई हो गई है। बीडीए ने बरेली क्लब के लग्जरी सपने पर कैंची चला दिया है। कहा है कि स्पो‌र्ट्स क्लब बनाए जाने की जमीन ग्रीन बेल्ट की है। हालांकि, फैसले के खिलाफ क्लब मेंबर्स बीडीए से कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए कमर कस रहे हैं।

बीडीए ने फंसाया पेंच

लग्जरी क्लब के नाम से अपनी पहचान बना चुके बरेली क्लब की फ्री होल्ड जमीन की पुष्टि डीएम गौरव दयाल ने जनवरी 2016 में कर दिया था, जिसके बाद 'स्पो‌र्ट्स कॉम्पलेक्स' निर्माण को मंजूरी के लिए क्लब पदाधिकारियों ने बीडीए को अप्लीकेशन दी। जिस पर बीडीए ने बरेली क्लब की जमीन को वर्ष 2010 में ग्रीन बेल्ट में तब्दील किए जाने की बात कहकर पेंच फंसा दिया। क्लब सेक्रेटरी ने बीडीए की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं। उनके मुताबिक जमीन बरेली क्लब की है, तो लैंडयूज बदलने की जानकारी बीडीए ने क्यों नहीं दी।

साबित हुआ मालिकाना हक

- बीडीए ने सितंबर 2015 में बोर्ड बैठक में लैंडयूज चेंज के लिए बोर्ड मीटिंग में प्रस्ताव रखा।

- बोर्ड मेंबर्स ने गाटा संख्या 44 और 45 बरेली क्लब की न होकर नजूल की जमीन बताई थी।

- आपत्ति पर तत्कालीन बीडीए उपाध्यक्ष शशांक विक्रम ने प्रस्ताव को रिजेक्शन की संस्तुति की।

- वर्ष 2015 अक्टूबर में मामले पर डीएम ने क्लब के मालिकाना हक की जांच के निर्देश दिए।

- कागजातों में वर्ष 1915 में गाटा संख्या 45 जिमखाना का क्लब में विलय होने के प्रमाण मिले।

- डीएम ने जनवरी 2016 में बरेली क्लब का मालिकाना हक होने के प्रमाण पर मुहर लगाई।

- 2016 में क्लब ने निर्माण कार्य के लिए बीडीए में अर्जी दी तब ग्रीन बेल्ट का पेंच फंस गया।

5 करोड़ का है प्रोजेक्ट

बरेली क्लब की विवादित जमीन पर फ्री होल्ड की मुहर लगने के बाद निर्माण कार्य की तैयारियां तेजी से शुरू की गई। कर्नल राठौर के मुताबिक करीब 5 करोड़ का डीपीआर तैयार कर लिया गया है। करीब 9.5 एकड़ जमीन पर स्पो‌र्ट्स कॉम्पलेक्स बनाया जाना प्रस्तावित है।

- जिसमें 25 मीटर लंबा और 12.5 मीटर चौड़ाई का स्विमिंग पूल

- एक कैफेटेरिया

- दो ओपन टेनिस कोर्ट

- दो बैडमिंटन कोर्ट

- दो टेबल टेनिस

- मॉडर्न इलेक्ट्रॉनिक शूटिंग रेंज

- दो स्क्वैश कोर्ट

सिविल प्रशासन ने सिविलियन को नाराज किया है। क्लब ने सिविल मेंबर्स को सुविधाएं देने के लिए और स्मार्ट सिटी बनाने में योगदान देने के उद्देश्य से कॉम्पलेक्स बनाने जा रहा था। जिस पर बीडीए ने पेंच फंसा दिया है।

रि। कर्नल सीपीएस राठौर, सेक्रेटरी, बरेली क्लब

लास्ट ईयर बीडीए बोर्ड बैठक में लैंडयूज चेंज का प्रस्ताव रखा गया था। जिस पर मेंबर्स ने आपत्ति की थी। लिहाजा, ग्रीन बेल्ट की जमीन पर क्लब कॉम्पलेक्स का निर्माण नहीं करा सकता है।

गरिमा यादव, प्रभारी उपाध्यक्ष, बीडीए