डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में बीते 5 साल में मरीज-इमारत बढ़े, इलाज हुआ मुश्किल
2011 में 3.28 लाख मरीज ओपीडी में पहुंचे, 2016 में तादाद 5.39 लाख हुई
BAREILLY:
संसाधनों और डॉक्टर्स की कमी के बावजूद लोगों का डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल पर विश्वास बढ़ा है। बीते पांच साल के आंकड़े यह सच्चाई बयां कर रहे हैं। ओपीडी के अलावा इनडोर मरीजों समेत पैथोलॉजी, एक्सरे व अल्ट्रासाउंड की जांचों में तकरीबन 2.11 लाख पेशेंट का इजाफा हुआ है। जबकि मेडिकल हब बरेली में सुविधा संपन्न प्राइवेट हॉस्पिटल बड़ी संख्या में हैं। फिर भी सरकारी डॉक्टर्स पेशेंट्स का विश्वास जीतने में कामयाब साबित हो रहे हैं।
39 फीसदी की बढ़ोतरी
साल 2011 में जनवरी से दिसम्बर तक हॉस्पिटल की ओपीडी में कुल 3,28,685 मरीज इलाज के लिए पहुंचे थे। जबकि इनडोर मरीजों की संख्या 17,684 रही। इन आंकड़ों 2011 से 2016 तक लगातार बढ़ोतरी दर्ज की गई। साल 2016 में ओपीडी पहुंचे मरीजों की कुल तादाद 5,39,129 हो गई। वहीं इनडोर में भी 26,054 मरीजों ने इलाज कराया। ओपीडी के मरीजों में पिछले 5 साल के दौरान 39.03 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई। वहीं इनडोर मरीजों में पिछले 5 साल में 32.12 फीसदी की बढ़ोतरी हुई।
मरीज बढ़े, दुश्वारी बढ़ी
हॉस्पिटल में मरीजों के बढ़ने के साथ ही उन्हें मिलने वाली सुविधाओं में भी बढ़ोतरी की कवायद शुरू हुई। अपग्रेडेशन के तहत नई इमारत, नई मेजर-माइनर ओटी, नए वार्ड, बर्न यूनिट, पेईग वार्ड, क्राइसिस वार्ड, न्यू एनआईसीयू और एनआरसी समेत नई मशीनों की सुविधा मरीजों को मिली। बावजूद इसके मरीजों के लिए दुश्वारी भी बढ़ी। हॉस्पिटल में डॉक्टर्स के 43 पदों में से मौजूदा में 27 ही उपलब्ध हैं। इन डॉक्टर्स में भी स्पेशलिस्ट जैसे यूरोसर्जन, न्यूरोसर्जन, स्किन स्पेशलिस्ट, नेफ्रोलॉजिस्ट व कार्डियोलॉजिस्ट समेत अन्य कई साल से नहीं है।
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कटेगरी साल 2016 साल 2015 अंतर
ओपीडी 5,39,129 4,93,266 45,863
आईपीडी 26,054 21,898 4,156
पैथोलॉजी 2,13,928 1,84,036 29,892
अल्ट्रासाउंड 7,385 6,356 1,029
एक्स-रे 40,057 32,383 7,674
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पिछले 6 साल में बढ़े मरीज
साल ओपीडी आईपीडी
2011 3,28,685 17,684
2012 3,30,060 16,851
2013 3,79,720 20,419
2014 4,06,412 19,486
2015 4,93,266 21,898
2016 5,39,129 26,054
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डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में हर साल मरीज बढ़ रहे हैं। संसाधन कम होने के बावजूद कोशिश यही है कि हर मरीज को बेहतर इलाज दे सकें। मरीजों के बढ़ने के रेशियों में डॉक्टर्स व स्टाफ की भी तैनाती होनी चाहिए। ऐसा न होने से दबाव बढ़ रहा है। - डॉ। केएस गुप्ता, सीएमएस
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फोटोज परेशानी के कैप्शन
1- भीड़ के चलते ओपीडी छोटी पड़ रही, धूप में खड़े होते हैं मरीज
2- व्हीलचेयर-स्ट्रेचर न मिला तो, पति को दिया सहारा
3- डॉक्टर केबिन में नहीं तो, जमीन पर इंतजार
4- जांच के इंतजार में धूप में बैठे मरीज