Fake name से ticket book

टिकट के गोरखधंधे में पहले से टिकट बुक करने के लिए बीटूबी के  प्रिंसिपल एजेंट्स फेक नेम्स से टिकट बुक करते हैं। जबकि, आईआरसीटीसी की गाइडलाइंस के मुताबिक कोई भी एजेंट टिकट तब तक नहीं बना सकता है, जब तक कस्टमर उनसे अप्रोच न करें। उन्हें टिकट पर कस्टमर का मोबाइल नंबर देना जरूरी होता है। वहीं, जितने भी नाम टिकट पर दिए गए हैं, वह भी पूरे होने चाहिए। इसके लिए वे अपने साथ अनऑथराइज्ड कंपनीज को जोड़कर सब एजेंट बनाते हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा टिकट बुक कर सकें।

हीला-हवाली का फायदा

रूल्स के मुताबिक जब कोई ई-टिकट लेकर यात्रा करता है तो टिकट पर अंकित नाम में से किसी एक की आईडी दिखानी होती है। आमतौर पर टीटीई टिकट में दी सीट के नंबर और नाम चेक कर लेता है पर उस टिकट पर यात्रा करने वाले दूसरे यात्रियों का नाम भी नहीं पूछता। बस इसी हीला-हवाली का फायदा गोरखधंधा करने वाले उठाते हैं।

बीटूबी एजेंट्स कर रहे काम

बीटूबी एजेंट्स अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए ही देश भर में एजेंट्स का जाल फैलाते हैं। इसके जरिए, ये एक ही लॉग इन आईडी से टाइम स्लॉट फिक्स करके टिकट बना देते हैं। मान लीजिए, आपको किसी टूर पर जाने की इमरजेंसी है और विंडो टिकट रिग्रेट हो चुका है। ऐसे में, जब आप एजेंट के पास जाएंगे तो वह आपसे नाम पूछ कर प्रिंसिपल एजेंट से उस नाम का टिकट बुक होने की जानकारी लेकर, अपने ही ऑफिस में आईडी ओपेन करके आपको बैक डेट में अधूरे फेक नेम से बुक टिकट देगा। आईआरसीटीसी के   ऑथराइज्ड एजेंट्स की लिस्ट में इंटरनेट कैफे स्टोर वाले 17, वेब सर्विस स्कीम या बीटुबी कै टेगरी के अंतर्गत 20 और ओटीसी के अंतर्गत 3 कंपनीज ही रजिस्टर्ड हैं। ये कंपनी ही अपने सब एजेंट्स बना सकती हैं।

Public को हो रही problem

रेलवे रिजर्वेशन टिकट के इस गोरखधंधे का सबसे ज्यादा नुकसान पब्लिक को हो रहा है, क्योंकि रेलवे की सीट्स रिजर्वेशन ओपेन होने के एक दिन बाद ही एक्स्ट्रीम वेटिंग या रिग्रेट तक पहुंचने के बाद आईआरसीटीसी के एजेंट्स ही टिकट दिलाने का एकमात्र जरिया रह जाते हैं। ये एजेंट्स पब्लिक को टिकट तो दिला देते हैं, पर उनसे टिकट के लिए महंगे दाम भी वसूलते हैं। पब्लिक की जेब ढीली होती है और एजेंट्स की जेब गरम। ये खेल जोर-शोर से चल रहा है।

Movable ID ने बढ़ाया गोरखधंधा

आईआरसीटीसी अपने ऑथराइज्ड प्रिंसिपल एजेंट्स डिफरेंट कैटेगरी में बनाते हैं। ये एजेंट्स इंडियन रेलवे ऑथराइज्ड एजेंट्स, ऑथराइज्ड एयर ट्रैवल एजेंट्स, स्टेट गवर्नमेंट स्कीम, जीएसए इन एब्रॉड, इंटरनेट कैफे स्टोर्स, वेब सर्विस या बीटूबी स्कीम और बीटूसी स्कीम के तहत बनाए जाते हैं। आमतौर पर लोग अपने टिकट बुक कराने के लिए इंटरनेट कै फे स्टोर, बीटूबी स्कीम के सब एजेंट्स के पास जाते हैं। खास बात यह है कि एक ही आईडी के जरिए देश भर में रिजर्वेशन टिकट बुकिंग का काम बीटूबी एजेंट्स ही कर सकते हैं, क्योंकि इनकी आईडी ओपेन करने के लिए एड्रेस बार आड़े नहीं आता है। ऐसे में, ये देश भर से टिकट बुक कर देते हैं।