-शासन ने प्राथमिक विद्यालय के बच्चों के एमडीएम में दूध की मात्रा घटाई

-शासन ने एमडीएम के मेन्यू में कोफ्ता-चावल की जगह तहरी परोसने का दिया निर्देश

>BAREILLY:

सरकार ने एमडीएम में बच्चों को परोसे जाने वाले दूध की मात्रा में कटौती की है। अब प्राइमरी स्कूल्स के बच्चों को 200 एमएल की जगह 150 एमएल दूध दिया जाएगा। हालांकि जूनियर हाईस्कूल में पढ़ने वाले स्टूडेंटूस को इस फरमान से बाहर रखा है। उन्हें 200 एमएल दूध ही दिया जाएगा। इसके साथ ही सरकार ने एमडीएम में कोफ्ता-चावल की जगह तहरी परोसने का निर्देश ि1दया है।

लास्ट ईयर शुरू की थी योजना

गवर्नमेंट स्कूल्स में पढ़ने वाले नौनिहालों की सेहत को सुधारने के लिए शासन ने लास्ट ईयर एमडीए में दूध और कोफ्ता-चावल शामिल किया था। शासन ने हर बच्चे को 200 एमएल दूध दिया जाने का निर्देश दिया था। हालांकि शिक्षकों ने इसका विरोध भी जताया था और एमडीएम से दूध हटाने की मांग की थी। शिक्षकों ने तर्क दिया कि निर्धारित कन्वर्जन कॉस्ट में दूध बांट पाना संभव नहीं है। इसलिए या तो कन्वर्जन कॉस्ट बढ़ाया जाए या दूध को एमडीएम से बाहर किया जाए। सरकार ने शिक्षकों की मांग तो नहीं मानी, लेकिन दूध की मात्रा में कटौती कर दी। सरकार ने इस शैक्षिक सत्र से प्राइमरी स्कूल्स के नौनिहालों को एमडीएम के तहत 150 एमएल दूध और कोफ्ता-चावल की जगह तहरी परोसने का आदेश दिया है। सरकार के इस आदेश का असर जिले के करीब पौने चार लाख स्टूडेंट्स पर पड़ेगा। वहीं, जूनियर हाईस्कूल के स्टूडेंट्स को एमडीएम के तहत 200 एमएल दूध दिया जाएगा।

शासन ने प्राइमरी स्कूल्स के नौनिहालों को 150 और जूनियर हाईस्कूल के स्टूडेंट्स को 200 मिली लीटर दूध देने के निर्देश दिए हैं। सभी एनजीओ और प्रधानाध्यापकों को एमडीएम का नया मेन्यू भेज दिया गया है।

गौरव कुमार, डीसी, एमडीएम