-बीते एक साल से स्कूल नहीं जा रहे हैं शिक्षक

-बीएसए ने जारी किया नोटिस

क्चन्क्त्रश्वढ्ढरुरुङ्घ

गवर्नमेंट स्कूल्स में गिरते शिक्षा के स्तर के लिए काफी हद टीचर्स भी जिम्मेदार हैं। क्योंकि वह बगैर किसी सूचना के एक-एक साल तक स्कूल्स से नदारद रहते हैं, जिस कारण स्कूल में नियमित रूप से पढ़ाई नहीं हो पाती है। नौनिहाल स्कूल्स में टाइम पास करके घर को चले जाते हैं। वहीं लम्बे समय तक स्कूल से गायब रहने के कारण बीएसए ने नवाबगंज की एक शिक्षिका को नोटिस थमाया है।

एक माह ही आई शिक्षिका

नवाबगंज के प्राथमिक विद्यालय हरहरपुर चौधरी पर शिक्षिका चारुल को तैनाती दी गई। शिक्षिका ने 15 मार्च 2015 को पदभार ग्रहण किया। इसके बाद वह 10 मई 2015 को डिलीवरी होने के कारण स्कूल नहीं आई। उन्होंने अवकाश की सूचना न तो प्रधानाध्यापक को दी, न ही एबीएसए को दी और न ही बीएसए को इससे अवगत कराया। मामला जब संज्ञान में पहुंचा, तो बीएसए डीएस सचान ने नोटिस जारी किया। उन्होंने तुरंत टीचर्स को स्कूल आने के आदेश दिए। लेकिन टीचर्स ने बीएसए के आदेश को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बहेड़ी के सकरस जूनियर हाईस्कूल में तैनात टीचर रवि पाराशरी भी बीते दो साल से स्कूल नहीं जा रहे हैं। वह अपने व्यवसाय में बिजी हैं। जबकि वह वेतन बेसिक शिक्षा विभाग से ले रहे हैं। टीचर्स के लम्बे समय तक स्कूल्स से गायब होने के बाद भी वेतन जारी होने के संबंध में जब लेखाधिकारी केएन शुक्ला से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि खाते देखने पर पता चलेगा कि किसके आदेश पर शिक्षकों को वेतन दिया जा रहा है।