बरेली(ब्यूरो)। स्मार्ट सिटी के तहत सिटी के अलग-अलग पब्लिक प्लेसेस पर विद्आउट टच हैंडवाश मशीने लगवाई गई थी। ताकि लोगों को हैंड वॉश करने में प्रॉब्लम न हो। यह काम कोविड काल के दौरान किया गया था। फरवरी 2021 में हैंडवॉश मशीनों को लगाने का काम शुरू किया था जो मई 2021 में पूरा भी हो गया। लेकिन मशीनों को लगाने के बाद जिम्मेदारों ने इनकी देखरेख तक नहीं की जिसके चलते मशीनें एक तरफ लगती गई तो दूसरी तरफ कबाड़ बनती गई। इससे जहां एक तरफ स्मार्ट सिटी के रुपए बर्बाद हुए तो वहीं आम लोगों के लिए इसका लाभ भी नहीं मिल पाया।

कहीं टोटी गायब, कहीं पैडल
स्मार्ट सिटी की तरफ से लगाई गईं हैंडवॉश मशीनों की हालत इतनी बदतर हो गई है कि किसी मशीन के पैडल गायब तो किसी की टंकी गायब हो गई। कुतुबखाना मशीन पर लगी तो लेकिन वहां पर फड़ वालों ने उसके ऊपर अपनी दुकाने सजा दी। अब फ्लाईओवर का निर्माण शुरू हुआ तो मशीन वहां पर दुकानों के आगे कींचड़ में गिरा दी गई। जिससे उसकी भी हालत खराब हो गई।

सैनिटाइजर का भी ऑप्शन
विदआउट टच हैंड वॉश मशीन लगाने का मकसद था कि कोविड कॉल में कोई भी व्यक्ति हैंड वॉश करना चाहता था तो उसके लिए हैंड से टच न करना पड़े। इसके लिए मशीन में एक तरफ सैनेटाइजर की बोतल लगाने का भी ऑप्शन था। लेकिन आज तक न तो उसमें सैनेटाइजर की बोतल लगाई गई और न कभी पब्लिक के लिए ठीक से यूज करने के लिए मिल सकी। कई जगह तो मशीने समाज सेवी संस्थाओं ने भी दान में लगवाई वह मशीने भी देख कर न होने के चलते कबाड़ हो रही हैं।

कोविड काल में दिखी जरूरत
हैंड वॉश मशीनों की कोविड काल के दौरान काफी जरूरत महसूस की गई, लेकिन उसके बाद उन्हें अनदेखा कर दिया गया। जिस कारण वह बदहाल होती चली गई। शायद अगर कोई जिम्मेदार इनकी तरफ ध्यान देता तो इनकी हालत ठीक होती और पब्लिक को भी इनका लाभ मिलता।

बोले लोग- जिम्मेदार दें ध्यान
हैंडवॉश मशीनें तो शहर में लगाई गई लेकिन इनका यूज तो कुछ भी नहीं हो पा रहा है। जिस कारण यह मशीने तो पड़े-पड़े गल रही है। इनका यूज नहीं होने से आम लोगों को इन का कोई मतलब भी नहीं बनता है।
सत्येन्द्र

जिम्मेदारों को ध्यान देना चाहिए कि जो भी पब्लिक की यूज के लिए मशीने आदि लगवाई गई है उनका ध्यान रखें। अगर उनकी देखरेख नहीं करेंगे तो वह बर्बाद हो जाएगी। इससे वह किसी के काम के लिए भी नहीं होंगी तो रुपए भी बर्बाद जाएगा।
अनूप

शहर के अलग अलग पब्लिक प्लेसेस पर हैंडवॉश मशीनों को लगवाया गया था। लेकिन वह मशीने अब खराब हो गई है तो उनको दिखवाया जाएगा। मशीने पब्लिक की सुविधा के लिए लगवाई गई थी ताकि लोगों को आराम मिल सके।
बीके सिंह, जीएम स्मार्ट सिटी