-बॉडी वोर्न कैमरे और पेन कैमरों का नहीं कोई अता-पता

-ट्रैफिक पुलिस और चीता पुलिस को दिए गए थे 29 खुफिया कैमरे

BAREILLY: पुलिस की खुफिया निगाहें लापता हो गई हैं। आप सोच रहे होंगे कि हम किन खुफिया निगाहों की बात कर रहे हैं तो आपको बताते हैं, पुलिस की यह खुफिया निगाहें पुलिस से झगड़ा करने वालों को कैद करने के लिए तैयार की गई थीं। सबसे पहले ट्रैफिक पुलिस को 4 बॉडी वोर्न कैमरे दिए गए थे और उसके बाद चीता मोबाइल को 25 पेन कैमरे भी दिए गए थे लेकिन इन कैमरों में कोई कैद होना तो दूर यह कहां हैं, इसकी ही किसी के पास कोई खबर नहीं है।

स्टिंग के लिए आए थे कैमरे

अक्सर ट्रैफिक पुलिसकर्मियों से चेकिंग के दौरान लोग झगड़ा करने लगते हैं। उसके बाद पुलिस पर आरोप लगा देते हैं कि पुलिसकर्मियों ने उनके साथ बदतमीजी की। इस तरह के कई मामले सामने आने बाद पुलिसकर्मियों के लिए बॉडी वोर्न कैमरे मंगाए गए थे। जून 2016 के लास्ट में ट्रैफिक पुलिस में 4 कैमरे आए थे, जिन्हें टीएसआई व एचसीपी को दे दिया गया था। एक कैमरे की कीमत करीब 25 हजार रुपए थी। इन कैमरों में कभी कोई झगड़ा करने वाला तो रिकार्ड नहीं किया गया बल्कि कैमरे ठप ही पड़े रहे।

एंटी रोमियो स्क्वॉड को ट्रांसफर

जब प्रदेश में नई सरकार बनी तो सभी जिलो में मनचलों पर लगाम कसने के लिए एंटी रोमियो स्क्वॉड तैयार किया गया। शुरुआत में एंटी रोमियो स्क्वॉड पर भी किसी को भी परेशान करने के आरोप लगे तो इन आरोपों से बचने के लिए यह कैमरे एंटी रोमियो स्क्वॉड को दे दिए गए लेकिन एंटी रोमियो स्क्वॉड ने भी इनका इस्तेमाल नहीं किया। अब यह कैमरे कहां, इसके बारे में अधिकारियों को कुछ पता ही नहीं है।

चीता मोबाइल के कैमरे भी डंप

ट्रैफिक पुलिस के बाद जुलाई माह में चीता मोबाइल को अपग्रेड किया गया था। चीता मोबाइल को हाईटेक करने के लिए उन्हें अमेरिकन हथकड़ी, पिस्टल और पेन कैमरे दिए गए थे। इन सभी चीता पुलिसकर्मियों को जूडो कराटे के साथ-साथ घायल की मदद करने समेत अन्य ट्रेनिंग भी दी गई थी। वैसे तो सभी 42 चीता मोबाइल को पेन कैमरे दिए जाने थे लेकिन शुरुआत में सिर्फ 25 पेन कैमरे ही आए थे। इन कैमरों को पुलिसकर्मियों को वर्दी में लगाना था और जिस जगह पर खुफिया कैमरा लगाना था वहां पर लिखना था कि आप कैमरे की नजर में हैं, जिससे लोग पुलिस से झगड़ा करने से बचें और इसके अलावा जरूरत पर रिकार्डिग भी पुलिस कर सके लेकिन शुरुआत से ही इसमें लापरवाही बरती गई। धीरे-धीरे कई कैमरे खराब हो गए तो कई कैमरों का कुछ पता नहीं चल रहा है।

खुफिया कैमरे कहां हैं, इस बारे में जल्द पता कराया जाएगा। कैमरों का इस्तेमाल हो रहा है, या नहीं इसका भी पता किया जाएगा और इनका इस्तेमाल किया जाएगा।

अभिनंदन सिंह, एसपी सिटी