होली पर ट्रेनों में नो रूम, एसी-स्लीपर में भी सीट के लिए मारामारी

BAREILLY:

होली के फेस्टिव सीजन पर घर पहुंचना जंग सरीखा हो गया है। ट्रेनों में नो रूम होने से त्योहार मनाने के लिए घर पहुंचने की फिक्र कर रहे मुसाफिर बेबस हो रहे। रेलवे की ओर से स्पेशल ट्रेनों की व्यवस्था किए जाने के बावजूद मुसाफिरों के लिए इंतजाम नाकाफी हैं। एसी-स्लीपर कोच में सीटों के लिए मारामारी है। जनरल की व्यवस्था तो बिखर गई है। हालात यह हैं कि ट्रेनों के टॉयलटे्स में बैठकर मुसाफिर सफर करने को मजबूर है। जिससे समय पर त्योहार मनाने घर पहुंच सके। जंक्शन पर ट्यूजडे को एक सीट पाने के लिए मुसाफिर परेशान रहे। दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, जम्मू व पंजाब से आने वाली ट्रेने भीड़ से ठस रही।

वसूली हाे गई शुरू

बरेली में ट्यूजडे से एजुकेशल इंस्टीट्यूट व कई प्राइवेट सेक्टर के ऑफिसेज में छुट्टी शुरू हो गई। इससे सैकड़ों की तादाद में स्टूडेंट्स व सर्विसपर्सन जंक्शन पर ट्रेन पकड़ने पहुंच रहे। टिकट कंफर्म न होने से परेशानी मुसाफिर टीटीई से सीट के लिए गुहार लगा रहे.जनरल टिकट पर मजबूरी में ट्रेनों के स्लीपर व एसी कोच में सफर कर रहे मुसाफिरों से टीटीई जुर्माने के नाम पर मनमाना चार्ज वसूल कर रहे। वहंी विकलांग व महिला कोच में मुसाफिरों को बिठाने के ऐवज में जीआरपी-आरपीएफ के जवान भी मुसाफिरों से 50-100 रुपए की वसूली कर रहे। ट्रेनों में जगह पाने के लिए मुसाफिरों की आपस में भी कहासुनी हो रही।