सपनों को लग रहे ्रपंख

सम्मानित होने वाले स्टूडेंट्स ने अपने करियर के लिए तमाम सपनों को बुन रखा है। इन सपनों को पूरा करने के लिए वे अपने हार्डवर्क और सिंसियरिटी के बदौलत पंख देने में भी लगे हुए हैं। कोई टीचर बनकर स्टूडेंट्स के लाइफ को संवारना चाहता है तो कोई सिविल सर्विसेज में जाकर सिस्टम में सुधार लाने की चाह रखता है। कोई साइंटिस्ट बनने के लिए रिसर्च की राह पकड़ चुका है तो कोई एनसीसी में एक्सेल कर अब आर्मी में जाने की तैयारी में जुटा है। हर एक के सपने अलग हैं, लेकिन जज्बा एक।

दो को विलियम टेम्पलटन गोल्ड

बीसीबी में पहला गोल्ड मेडल सर विलियम टेम्पलटन गोल्ड मेडल के नाम से इंट्रोड्यूस किया गया था। यह काफी खास माना जाता है। इस बार दो स्टूडेंट्स को यह मेडल दिया गया। बीए हिंदी की किरन सिंह को वर्ष 2011-12 के लिए और एकेश्वर को बीए में हाइएस्ट माक्र्स स्कोर करने के लिए दिया गया। किरन ने 79.2 परसेंट और एकेश्वर ने 77 परसेंट माक्र्स स्कोर किया है।

कइयों को नहीं मिली इंफॉर्मेशन

सम्मान समारोह से पहले की तैयारियों में बीसीबी इस बार भी गच्चा खा गया। उसकी गलतियों की वजह से कई स्टूडेंट्स सम्मान समारोह में शिरकत नहीं कर सके। कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन ने कुछ को लेटर के द्वारा इंफॉर्मेशन दी और कुछ को फोन के द्वारा। वहीं अधिकांश को तो इंफॉर्मेशन मिली ही नहीं। वे खुद ही अपने स्तर से पता कर और वेबसाइट पर सम्मानित होने वालों की लिस्ट देखकर आए थे। इंफॉर्मेशन ना होने की वजह से काफी संख्या में स्टूडेंट्स आ ही नहीं पाए। समारोह में 126 गोल्ड, 34 स्कॉलरशिप, 16 बुक्स अवार्ड किए जाने थे। वहीं बाकियों को मोमेंटो व सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया जाना था। टोटल 202 स्टूडेंट्स सम्मानित होने थे। लेकिन इनमें से आधे से भी कम स्टूडेंट्स प्रेजेंट हुए। यही नहीं कई स्टूडेंट्स के सर्टिफिकेट पर नाम भी गलत लिखे हुए थे। एकेश्वर को ना तो इंफॉर्म किया गया और उसके सर्टिफिकेट पर नाम भी गलत लिखा था।

गेस्ट्स दिखा गए रास्ता

समारोह में शिरकत करने आए गेस्ट्स ने स्टूडेंट्स को सफलता के गुर बताए। उन्होंने इसके लिए अपने एक्सपीरिएंसेस और सक्सेस जर्नी को शेयर किया। चीफ गेस्ट के रूप में मौजूद कमिश्नर डॉ। गुरदीप सिंह और अध्यक्षता कर रहे मेयर आईएस तोमर ने स्टूडेंट्स को हार्डवर्क, डिसिप्लीन, सिंसियरिटी, बड़ों का आदर सम्मान करने का पाठ पढ़ाया। इस ऑकेजन पर प्रिंसिपल डॉ। आरपी सिंह ने सभी गेस्ट्स का स्वागत किया और डॉ। पूर्णिमा अनिल ने प्रोग्राम का संचालन किया। डॉ। राहुल अवस्थी ने कॉलेज की प्रोग्रेस रिपोर्ट पढ़ी और गेस्ट्स को सौंपी। इस ऑकेजन पर डीएसडŽलू डॉ। डीके गुप्ता, डॉ। यूसी पांडेय, वीर बहादुर, काजी अलीमुद्दीन, डॉ। जोगा सिंह होठी समेत कई टीचर्स शामिल रहे।

'एमएससी स्टैट्स में 72.66 परसेंट लाने के लिए मुझे गोल्ड मिला। पॉलीटेक्निक कॉलेज में स्टूडेंट्स को मैथ्स पढ़ाता हूं और साथ में आईएसएस की तैयारी भी कर रहा हूं। फादर बहेड़ी में फार्मिंग करते हैं। पढ़ाई के लिए जैसे ही पैसे जमा होंगे तैयारी के लिए बाहर जाऊंगा.'

- प्रदीप कुमार, गोल्ड मेडलिस्र्ट

'मुझे तीन गोल्ड, तीन स्कॉलरशिप और दो बुक्स अवॉर्ड मिले हैं। मुझे कभी इसकी उम्मीद नहीं थी। इसके लिए मंैने काफी हार्डवर्क की। कोचिंग का सहारा नहीं लिया। क्लास नोट्स और अपने नोट्स काम आए। मैं टीचिंग में अपना करियर बनाना चाहती हूं.'

- किरन सिंह, गोल्ड मेडलिस्ट