-आईवीआरआई में पांच दिवसीय सेमिनार मंडे से शुरू

-दूर-दराज से आए पशु चिकित्सकों ने लिया भाग

<-आईवीआरआई में पांच दिवसीय सेमिनार मंडे से शुरू

-दूर-दराज से आए पशु चिकित्सकों ने लिया भाग

BAREILLY

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आईवीआरआई के शल्य चिकित्सा विभाग की ओर से पांच दिवसीय पशुओं में अस्थिभंग प्रबंधन विषय पर सेमिनार शुरू हुई है। इसमें दूर-दराज से आए एक दर्जन से अधिक पशुचिकित्सा अधिकारियों ने भाग लिया।

बढ़ रही है बीमार पशुओं की संख्या

ऑल इंडिया नेटवर्क प्रोग्राम ऑन डायग्नोस्टिक इमेजिंग एंड मैनेजमेंट ऑफ सर्जिकल कंडीशन्स इन एनीमल्स के तहत मंडे को आईवीआरआई में सेमिनार हुआ। इसका उद्घाटन संस्थान के डायरेक्टर डॉ। आरके सिंह ने किया। उन्होंने विभिन्न विभागों के एचओडी, वैज्ञानिकों और छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि संस्थान के रेफ रल वेटरिनरी पॉलीक्लीनिक में अस्थिभंग एवं सर्जरी के बीमार पशुओं की संख्या में काफ बढ़ी है। दूरदूराज से आए डॉक्टर्स ने पशुचिकित्सालयों में पशुओं की छोटी सर्जरी और हड्डी रोग के इलाज के लिए संसाधन उपलब्ध कराने की बात कही। ताकि वहां तैनात शल्य पशुचिकित्सा अधिकारियों की उपयोगिता सिद्ध हो सकें। ऑल इंडिया नेटवर्क प्रोग्राम के परियोजना समन्वयक और संयुक्त निदेशक (शोध) डॉ। बी.पी। मिश्रा ने कहा कि शल्य पशुचिकित्सा अधिकारियों के लिए पहला अवसर है, जबकि उनके लिए ऐसी सेमिनार हो रही है। एआईएनपी का यह प्रयास है कि पशुचिकित्सा अधिकारियों के लिए सर्जरी की आधारभूत संरचना उपलब्ध कराया जाए। क्योंकि आईवीआरआई पशुओं की शल्य चिकित्सा के क्षेत्र में सम्पूर्ण देश का नेतृत्व करता है। समारोह को सम्बोधित करते हुए शल्य चिकित्सा विभाग के एचओडी और प्रशिक्षण कार्यक्रम के निदेशक डॉ। अमरपाल ने कहा कि प्रशिक्षुओं को इस पाठ्यक्रम के तहत मुख्य सर्जरी तकनीकों का प्रदर्शन करवाया जाएगा, ताकि वे इस तरह के पशु रोगों का आसानी से इलाज कर सकें। इसके अलावा शल्य चिकित्सा प्रक्रिया में उनकी सहभागिता भी सुनिश्चित की जाएगी। पाठ्यक्रम समन्वयक एवं शल्य चिकित्सा विभाग की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ। रेखा पाठक ने इस पाठ्यक्रम को भारत सरकार के लैब टू लैंड कार्यक्रम का हिस्सा बताया। समारोह का संचालन शल्य चिकित्सा विभाग के वैज्ञानिक डा। अभिषेक सक्सेना और डॉ। रनजीत सिंह ने किया।