अंजुमन शमशीरे हैदरी की तरफ से निकला अलम का जुलूस

कई अंजुमनों ने की शिरकत, जुलूस में किया जंजीरी मातम

<अंजुमन शमशीरे हैदरी की तरफ से निकला अलम का जुलूस

कई अंजुमनों ने की शिरकत, जुलूस में किया जंजीरी मातम

BAREILLYBAREILLY: शहर की कदीमी अंजुमन शमशीरे हैदरी की ओर से ट्यूजडे रात अलम का जुलूस निकाला गया। जुलूस में शहर के अलावा दूसरी डिस्ट्रिक्ट की अंजुमनों ने या हुसैन कहकर अंगारों पर चलकर मातम किया। इसके अलावा अंजुमनों के सदस्यों ने जंजीरी मातम करके भी इमाम हुसैन को खिराज-ए-अकीदत पेश की। शाम में शुरू नौहा-मातम का सिलसिला भोर तक चल रहा।

आंसुओं का पेश िकया नजराना

जुलूस की पहली मजलिस मोहल्ला संदल खां स्थित इमामबाड़ा बैरिस्टर साहब में मौलाना मो.आलम ने खेताब की। मजलिस में उन्होंने इमाम हुसैन पर हुए मसाएब को बयान किया। इस दौरान काफी तादाद में महिलाएं, पुरुष और बच्चे शामिल हुए। इमाम हुसैन के मसाएब सुनकर वहां मौजूद हर किसी की आंखों में आंसू आ गया। मजलिस में मौजूद लोगों ने मौला हुसैन को आंसुओं का नजराना पेश्ा किया।

बुलंद हुआ अब्बास का परचम

मजलिस के बाद अलम उठाया गया। इसके हमराह अंजुमनों ने नौहाख्वानी और सीनाजनी करना शुरू किया। जुलूस में मेमन सादात, अफगानपुर, सेथल, बदायूं सहित बरेली की तमाम अंजुमनों ने शिरकत की। इस दौरान अंजुमनों के सदस्यों जंजीरी मातम कर खुद को लहुलुहान कर लिया था। जुलूस अपने कदीमी रास्तों से होता हुआ किला स्थित काला इमामबाड़ा पहुंचा। जहां पर पहले से काफी संख्या में मोमनीन कराम मौजूद थे।

अंगारों पर चले पड़े सभी

काला इमामबाड़े में जुलूस पहुंचते ही। वहां मौजूद हर किसी ने अंगारे पर चलकर इमाम हुसैन की शहादत को याद किया। बूढ़े-बच्चे या फिर जवान सभी या हुसैन-या हुसैन की सदाओं के साथ अंगारों पर चल रहे थे। इसके बाद जुलूस की आखिरी मजलिस आजमगढ़ से आए मौलाना कैसर अब्बास ने खेताब की।