- इंदिरा आवास की नहीं मिली है किस्त, मां ने जताया बेटियों की इज्जत पर खतरा

- प्रधान और सचिव पर दस हजार रुपए मांगने का आरोप, अधिकारी ने कराई जांच शुरू

BAREILLY:

सरकार गरीबों को एक अदद छत मुहैया कराने के लिए योजनाएं चला रही है, लेकिन लोगों को दूसरी किस्त के लिए दौड़ लगानी पड़ रही है। एक परिवार के मुखिया के आंखों की रौशनी छत के इंतजार में चली गई। मां ने बेटियों की इज्जत को खतरा जताया है। प्रधान और सचिव पर दूसरी किस्त को दस हजार रुपए देने के बाद जारी कराने को कह रहे हैं। मामला डीपीआरओ के पास पहुंचा तो उन्होंने जांच शुरू करवा दी है।

चली गई रोशनी

भोजीपुरा ब्लॉक के गांव जादोपुर निवासी परवीन पत्‍‌नी अब्दुल वहीद का चयन इंदिरा आवास के लिए नवंबर 2015 में हुआ था। दिसंबर में 35 हजार रुपए पहली किस्त मिली। दीवारें खड़ी हुई लेकिन अब 7 माह बीत गए पर दूसरी किस्त जारी नहीं की। परवीन का आरोप है कि पति ने कई बार विभाग के चक्कर लगाए, आंखों की रौशनी चली गई। लेकिन एक अदद छत की ख्वाहिश नहीं पूरी हुई। पहली किस्त मिली तो राहत मिली लेकिन दूसरी किस्त का नंबर आया तो आंखों से दिखना बंद हो गया।

इज्जत पर खतरा

बताया कि चार बेटियां जवान हैं, उनकी इज्जत को खतरा है। सिर ढकने के लिए छत चाहिए जो नहीं मिल रही है। उन्होंने ग्राम प्रधान और सचिव पर किस् के नाम पर रकम मांगने का आरोप लगाया है। प्रभारी डीपीआरओ वीके सिंह के पास शिकायत पहुंची तो उन्होंने प्रधान व सचिव के खिलाफ लगे आरोपों की जांच शुरू करवा दी है। साथ ही संबंधित अधिकारी इंदिरा आवास की दूसरी किस्त न मिलने के कारण ढूंढ रहे हैं।