- 25 को जन्माष्टमी सेलीब्रेट करने के लिए तैयारियों में जुटी मंदिर कमेटीज

>BAREILLY: जन्माष्टमी उत्सव सेलीब्रेट करने के लिए शहर में जोर-शोर से तैयारियां चल रही है। मंदिरों के बाहरी एरिया की सजावट जहां वृंदावन की तर्ज की जा रही है तो वहीं, मंदिर के अंदर की सजावट जयपुर के फेम मंदिर गोविंद देव जी और वृंदावन स्थित प्रेम मंदिर की तरह सजाया जाएगा। मंदिर में एलईडी लाइट्स की चकाचौंध होगी तो फूलों की खुशबू की महक होगी। साथ ही, मंदिर कमेटीज जंमाष्टमी पर कई कल्चरल प्रोग्राम्स और काम्पिटीशन ऑर्गनाइज का प्लान बनाए हैं।

महक उठेगा बांके बिहारी मंदिर

शहर के राजेंद्रनगर स्थित श्री बांके बिहारी मंदिर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव की तैयारियां जोरों पर चल रहीं हैं। मंदिर कमेटी के विजय बंसल ने बताया कि मंदिर को जयपुर के गोविंद देव जी मंदिर के तर्ज पर सजेगा। कोलकाता के सफेद पुष्पों जैसे रजनीगंधा, गुलाब के अलावा लिली, आरकिड, जरवेरा, गैलिट समेत अन्य फूलों से आदि से जयपुर के कारीगर सजावट करेंगे। वृंदावन से श्रृंगार का सामान मंगाया गया है। वहीं, सप्तमी पर महिला मंडल की टीम शाम 7.30 से रात 12 बजे कीर्तन, भजन कीर्तन करेंगी। मंदिर कमेटी राधाष्टमी तक हर दिन कथा और भजन कीर्तन प्रोग्राम ऑर्गनाइज करेगी।

ऐसा सजेगा श्री हरि मंदिर

मॉडल टाउन स्थित श्री हरि मंदिर जन्माष्टमी के मौके पर वृंदावन के प्रेम मंदिर के तर्ज पर डेकोरेट किया जा रहा है। बिहारी जी का श्रृंगार का साजो-सामान वृंदावन से मंगाया गया है। मंदिर के मुख्य गेट और अंदर हॉल में फूलों की बजाय एलईडी लाइट से जगमगाएंगे। लाइट्स प्रेम मंदिर की तर्ज पर रंग बदलेगी। हॉल को वृंदावन के फूल बंगला की तरह सजाएंगे। सचिव रवि छाबड़ा के मुताबिक जन्माष्टमी पर भजन कीर्तन और नन्हें-मुन्ने बच्चों का कल्चरल प्रोग्राम ऑर्गनाइज होगा। 26 अगस्त से 9 सितम्बर राधाष्टमी पर्व तक हर दिन कार्यक्रम होगा। प्रतिदिन दर्शन को आने वाले श्रद्धालुओं को पूजा के बाद प्रसाद वितरण किया जाएगा।

त्रिवटीनाथ मंदिर

झालरों से सजेगा त्रिवटीनाथ मंदिर

कान्हा के श्रृगांर को मथुरा से मंगाए वस्त्र

अष्टमी को रात 8 बजे भजन और आरती

25 की रात 12 बजे संपूर्ण तुलसी अष्टाध्यायी

रामायण मंदिर

फूलों और बैलून से होगी डेकोरेट

तीन कैटेगरी में होगा कॉम्पिटीशन

कान्हा के रूप में सजकर आएंगे बच्चे

विनर को दिया जाएगा प्राइज

बाजार भी हाे गया तैयार

गोल्ड और सिल्वर के पालने मार्केट में उपलब्ध

राजस्थान, मुंबई और कोलकाता से के हैं पालने

तीन हजार से 10 हजार तक पालने की प्राइस

बच्चों के लिए कान्हा स्टाइल ड्रेस, पालकी झूले, सिंहासन, मुकुट, मोरपंखी, माला, बांसुरी, कुंडल, लड्डू गोपाल की पीतल और व्हाइट मेटल मूर्तियां अवलेवल।