बरेली सहित 6 जिलों में पायलेट प्रोजेक्ट के तहत होगी शुरुआत

फर्जीवाड़ा रोकने में मिलेगी मदद

BAREILLY: खतौनी में फर्जीवाड़ा रोकने और पब्लिक को फायदा पहुंचाने के लिए अब खतौनी डिजिटल सिग्नेचर से ही जारी होगी। पायलेट प्रोजेक्ट के तहत 6 जिलों में इसकी शुरुआत होने जा रही है। इसमें बरेली जिला भी शामिल है। इसका पब्लिक को भी फायदा मिलेगा।

असली हकदार लगाते हैं दौड़

रुरल एरिया की जमीन की खतौनी तहसील से जारी होती है। अभी तक खतौनी एसडीएम और तहसीलदार के सिग्नेचर से जारी होती है। कई बार अधिकारियों के फर्जी सिग्नेचर तैयार कर भी फर्जी खतौनी जारी कर दी जाती हैं। इसका भू-माफिया जमीन हड़पने में इस्तेमाल करते हैं। जिसके चलते असली जमीन के हकदार को भी तहसीलों के चक्कर लगाने पड़ते हैं।

गांवों के नए कोड भी हुए जारी

शासन ने इसी फर्जीवाड़े को रोकने के लिए डिजिटल सिग्नेचर से खतौनी जारी करने की तैयारी की है। इसके तहत पायलेट प्रोजेक्ट में बिजनौर, ललितपुर, अलीगढ़, औरेया, जेपी नगर और बरेली हैं। जल्द ही सभी एसडीएम और तहसीलदार को डिजिटल सिग्नेचर जारी किए जाएंगे। डिजिटल सिग्नेचर जारी करने के लिए सभी तहसीलों से जमीन का डाटा मंगा लिया गया है। इस डाटा को वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जाएगा। जिससे पब्लिक भी अपनी जमीन की स्थिति के बारे में जान सकेगी। बरेली में गांवों की भी मैपिंग कराई गई। मैपिंग में पुराने कोड को सेंसस 2011 के आधार पर बदलकर नए कोड जारी कर दिए गए हैं।

डिजिटल सिग्नेचर से खतौनी जारी की जाएंगी। पायलेट प्रोजेक्ट के तहत बरेली जिले को भी शामिल किया गया है।

मनोज शर्मा, प्रिंसिपल साइंटिस्ट एनआईसी बरेली