- पुलिस के नजरबंद करने के विरोध में जिलाध्यक्ष समेत तमाम पदाधिकारी फन सिटी के सामने धरने पर बैठे

- महानगर अध्यक्ष के नेतृत्व में पार्टी कार्यालय से प्रदर्शन, पुलिस के साथ धक्का-मुक्की, खूब हुई नारेबाजी

बरेली : किसानों के समर्थन में समाजवादी पार्टी की किसान यात्रा को पुलिस-प्रशासन ने निकलने नहीं दिया। पदाधिकारियों को उनके आवास पर ही नजरबंद कर लिया। किसी तरह वहां से छूटे नेताओं, पदाधिकारियों ने सड़कों पर धरना देकर हंगामा किया। सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और फिर गिरफ्तारियां दी। पुलिस प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर पुलिस लाइंस और भोजीपुरा थाना पहुंचाया। शाम को उन्हें छोड़ दिया गया।

शाम को छोड़ा

कृषि बिल के खिलाफ किसानों के समर्थन देने के लिए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के आह्वान पर जिला कमेटी की ओर से बहेड़ी में दोपहर 12:00 बजे से किसान यात्रा निकाली जानी थी। पदाधिकारी जिलाध्यक्ष अगम मौर्य के पीलीभीत बाइपास स्थित आवास पर इकट्ठे होने लगे थे। इसी बीच पुलिस ने जिलाध्यक्ष और उनके साथियों को वहीं पर रोक दिया। पुलिस से जमकर टकराव व धक्का-मुक्की हुई। जिलाध्यक्ष और पदाधिकारी भागकर पास ही फन सिटी गेट के सामने धरने पर बैठ गए। वहां जमकर हंगामा, नारेबाजी, प्रदर्शन किया। सूचना पर सीओ श्वेता यादव पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंची। इसके बाद सभी को गिरफ्तार कर भोजीपुरा थाने भेज दिया गया। वहीं दूसरी ओर महानगर कमेटी की ओर से सीबीगंज के रोठा गांव तक पदयात्रा की तैयारी थी। इसके लिए महानगर अध्यक्ष शमीम खान सुल्तानी समेत कई कार्यकर्ता पार्टी कार्यालय इकट्ठे हुए। सूचना मिलते ही सिटी मजिस्ट्रेट मदन सिंह, प्रभारी एसएसपी संसार सिंह समेत भारी पुलिस बल मौके पर पहुंच गया। पार्टी कार्यालय से महानगर अध्यक्ष के नेतृत्व में सपाइयों ने लोहिया द्वार तक प्रदर्शन किया। पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए गेट पर ताला लगा दिया। इससे गुस्साए सपाइयों ने जमकर हंगामा किया। वही जमीन पर बैठकर धरना देने लगे। जमकर नारेबाजी भी की। इस पर पुलिस ने जबरन सपाइयों को उठाना शुरू कर दिया। इस बीच सपाइयों और पुलिस के बीच काफी धक्का-मुक्की हुई। पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर पुलिस लाइन पहुंचाया। वहां भी सपाई प्रदर्शन, नारेबाजी करते रहें। शाम करीब पांच बजे सभी को रिहा कर दिया गया।

कई नेताओं को घरों से ही थाने पहुंचा दिया

सपा के पूर्व मंत्री अताउर्रहमान को पुलिस ने उनके रिछा स्थित आवास पर नजरबंद कर दिया। बाद में उन्हें देवरनियां थाने पर ले आई। इसी तरह पूर्व मंत्री भगवत सरन गंगवार कृष्ण लीला ग्राउंड से पार्टी कार्यालय की ओर आने को निकले तो पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही गिरफ्तार कर लिया और प्रेमनगर थाना ले आई। उन्होंने बताया कि ऐसा किसी भी सरकार में नहीं हुआ। अपनी बात कहने का अधिकारी भी योगी सरकार ने खत्म कर दिया है।

- किसान बदहाल है, परेशान हैं। उनकी आवाज सुनी नहीं जा रही है। राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देश पर किसान यात्रा निकालने वाले थे। इससे पहले ही हमें गिरफ्तार कर लिया गया। बहेड़ी पर प्रदर्शन था, अधिकारियों ने सुबह से ही हमारे घरों पर पहरा बैठा दिया। सरकार का यह रवैया सरासर गलत है।

अगम मौर्य, जिलाध्यक्ष, सपा

- केंद्र सरकार ने किसान विरोधी बिल पारित किया है। उसे वापस लिया जाना चाहिए। सरकार को लोकसभा का विशेष सत्र बुलाकर किसान विरोधी बिल को वापस लेना चाहिए। संविधान ने जनहित के मुद्दों को उठाने का अधिकार दिया है। उसे पुलिस द्वारा दबाना गलत है। योगी सरकार में लोकतंत्र की हत्या की जा रही है।

शमीम खां सुल्तानी, महानगर अध्यक्ष, सपा