रिश्वत मांगने और अश्लीलता करने का है आरोप

साथी महिला बाबू को बनाया आरोपी

सोलह दिन बाद दर्ज हो सका मुकदमा

BAREILLY

बीएसए ऑफिस में तैनात बाबू अरविंद पाल पर फ्राइडे को कोतवाली में मुकदमा दर्ज हो गया। बाबू द्वारा श्यामगंज क्षेत्र की रहने वाली महिला से रिश्वत मांगने और अश्लीलता करने का आरोप था। पिछले सोलह दिनों से महिला अधिकारियों के चक्कर लगा रही थी। जिसके बाद आखिरकार फ्राइडे को कोतवाली में अरविंद पाल पर महिला से रिश्वत मांगने और अश्लीलता करने के आरोप में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

ये था मामला-

आरटीई यानी राईट टू एजुकेशन के तहत श्यामगंज क्षेत्र में रहने वाली महिला के चार वर्षिय पुत्र को कान्वेंट स्कूल में प्रवेश के लिए सेकेंड लिस्ट में नाम आ गया था। लेकिन विभाग के बाबू द्वारा बार-बार कागजी कार्रवाई करने में लेट लतीफी के चलते बच्चे का एडमिशन नहीं हो पा रहा था। महिला 12 जुलाई को ऑफिस में जाकर अरविंद पाल से मिली तो उसने उससे 5 हजार रूपये की रिश्वत मांगी ।

रिश्वत न देने पर मांगी थी अस्मत

आरोपी बाबू अरविंद पाल ने रिश्वत के रूपये न मिलने पर महिला को अकेले में मिलने के लिए कहा। बीएसए ऑफिस से निकलकर उसने महिला को आवाज देकर उससे उसका पर्सनल मोबाइल नंबर मांगा और रात में घर आने को कहा। इस बात को सुनकर महिला डरी सहमी अपने घर पहुंची और पति को जानकारी दी।

बीएसए ने नकार दिए थे आरोप

महिला द्वारा बाबू पर रिश्वत मांगने और अश्लीलता करने के आरोप लगाने के बाद बीएसए ने सभी आरोपों को नकार दिया था। उन्होंने बाबू को चरित्रवान कहने के साथ विभाग को बदनाम करने की साजिश करार दिया था।

विभागीय जांच में झोल

महिला से अश्लीलता करने की खबर मीडिया में आने के बाद बीएसए से आरोपी बाबू के खिलाफ जांच तो बैठाई लेकिन जांच आगे ही नहीं बढ़ी। विभाग के कर्मचारी होने के कारण जांच में शामिल स्टाफ ने भी उसे क्लीयर चिट दे दी।

महिला बाबू देती थी साथ

बीएसए ऑफिस में महिला से रिश्वत मांगने वाले आरोपी बाबू अरविंद पाल के अपराध में उसका साथ महिला लिपिक भी देती रही है। महिला से रिश्वत के रूपये लेने के लिए महिला लिपिक ही सामने आई थी .इस संबंध में महिला ने बीएसए को जानकारी दी थी लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

समझौते को बनाया था दबाव

महिला के साथ अश्लीलता करने वाले बाबू अरविंद पाल ने श्यामगंज चौकी में पहुंचकर समझौते का दबाव बनाया था, लेकिन पति के हौसले और बच्चे को उसका हक दिलाने के जज्बे के चलते महिला ने समझौता नहीं किया।