-पहले पिता और फिर पुलिस और अनाथालय ने किया बेघर

-सीओ के हस्तक्षेप के बाद आशा ज्योति केंद्र भेजी गई लड़की

BAREILLY: एक लड़की को पहले उसका पिता ने बेघर किया फिर अनाथालय ने। उसने जान देने की भी कोशिश की , लेकिन बच गई। फिर उसने पुलिस से मदद मांगी तो पुलिस ने उसे अनाथालय छोड़ दिया। लेकिन एक बार फिर से उसे सहारा नहीं मिला। अनाथालय की दहलीज पर बैठकर रोने लगी। मामला सीओ सिटी फ‌र्स्ट के संज्ञान में आने के बाद अनाथालय मैनेजर और पुलिस भी हरकत में आ गई। प्रभारी एसओ महिला थाना अनाथालय पहुंची तो अनाथालय के मैनेजर उसे आशा ज्योति केंद्र ले जाने की बात करने लगे। जिसके बाद उसे आशा ज्योति केंद्र में भेजा गया।

दो भाई भी रहते हैं अनाथालय में

बीसलपुर के गांव की रहने वाली करीब 12 वर्षीय लड़की को करीब 5 साल पहले उसके पिता अनाथालय में दो छोटे भाइयों के साथ छोड़ गए थे। करीब दो साल पहले उसके पिता उसे अनाथालय से वापस लेकर चले गए लेकिन कुछ दिनों बाद पिता उसके साथ मारपीट करने लगा और उसे साथ रखने से इनकार कर दिया। करीब 1 महीने पहले उसके मढ़ीनाथ निवासी चाचा-चाची उसे अपने साथ लेकर गए, लेकिन वहां पर उसके चचेरे भाई-बहन मारपीट करने लगे।

फांसी लगाकर जान देने की कोशिश

ट्यूजडे को परेशान होकर लड़की ने फांसी लगाकर जान देने की कोशिश की। जिससे चाचा-चाची घबराकर उसे अनाथालय लेकर पहुंचे लेकिन अनाथालय वालों ने उसे रखने से मना कर दिया तो उसे वापस ले गए। जिसके बाद वह वहां से भागकर पिता के पास चली गई लेकिन पिता ने भी रखने से इनकार कर दिया तो वह फिर से अनाथालय वापस पहुंची। अनाथालय वालों ने उसे रखने से मना कर दिया। जिसके बाद वह कोतवाली में गई तो पुलिस उसे फिर से अनाथालय छोड़ गई लेकिन उसे फिर से अनाथालय से निकाल दिया गया। इस पर वह फिर कोतवाली गई तो फिर उसे फिर से वापस अनाथालय जाने के लिए कह दिया गया तो फिर वह गेट पर बैठकर रोने लगी।