स्टूडेंट्स को गलत पेपर मिलने का नहीं चल सका पता

स्टूडेंट्स लिखने लगे आंसर, एक घंटे के बाद पता चला गलत पेपर बंट गए

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स्टूडेंट्स लिखने लगे आंसर, एक घंटे के बाद पता चला गलत पेपर बंट गए

BAREILLY: BAREILLY: आरयू का गैर जिम्मेदाराना रवैया तो जगह जाहिर है। उसकी एक और नजीर ट्यूजडे को देखने को मिली। आरयू ने एलएलबी थ्री और फाइव ईयर दोनों तरह के कोर्सेज को एक ही क्वेश्चन पेपर बांट दिया। इसमें सबसे ज्यादा हास्यास्पद स्थिति यह रही कि काफी देर तक किसी को भनक तक नहीं लगी। जब पता चला तो स्टूडेंट्स को सही पेपर दिया गया है।

स्टूडेंट्स लिखने लगे आंसर

हैरत की बात तो यह रही कि गलत क्वेश्चन पेपर मिलने के बाद भी स्टूडेंट्स ने कोई विरोध नहीं किया और आंसरशीट पर आंसर लिखने लगे। करीब एक घंटे के बाद आरयू की नींद खुली और आनन-फानन में पर्चा बदला गया। बावजूद इसके स्टूडेंट्स को लिखने के लिए एक्स्ट्रा टाइम भी नहीं दिया गया। अब आरयू इस पूरे मसले पर पर्दा डालने में लगा हुआ है। लेकिन स्टूडेंट्स खुलेआम इस घटना का जिक्र कर रहे थे।

दोनों सब्जेक्ट का एक ही नाम

आरयू के एलएलएम डिपार्टमेंट में क्लासिक लॉ कॉलेज के स्टूडेंट्स का सेंटर है। यहां पर थ्री और फाइव ईयर दोनों कोर्सेज के सभी स्टूडेंट्स का एग्जाम सेंटर बनाया गया है। ट्यूजडे को थ्री ईयर कोर्स के सिक्स सेमेस्टर और फाइव कोर्स के क्0 सेमेस्टर का एक लैंड लॉज सब्जेक्ट का पेपर था लेकिन सब्जेक्ट का नाम सेम होने के चलते कोड डिफ्रेंट था। जबकि क्वेश्चंस भी अलग-अलग थे। ख् बजे एग्जाम स्टार्ट हुआ तो दोनों ही सेमेस्टर के स्टूडेंट्स को सिक्स सेमेस्टर का क्वेश्चन पेपर बांट दिया गया। जबकि फाइव ईयर के स्टूडेंट्स को क्0 सेमेस्टर का क्वेश्चन पेपर बांटना चाहिए था।

एक घंटे तक पता ही नहीं चला

आरयू की लापरवाही का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पेपर बांटते वक्त और उसके बाद किसी ने भी क्रॉस चेक करने की जहमत नहीं उठाई। न ही किसी ने क्0 समेस्टर के क्वेश्चन पेपर के बंडल को चेक किया। उसे खोला तक नहीं गया। एक घंटे तक किसी को कुछ पता नहीं चला। एक घंटे के बाद किसी की नजर पेपर उपर लिखे सेमेस्टर पर गई तब जाकर पोल खुली। ऐसे में सभी टीचर्स के हाथ-पांव फूल गए। आनन-फानन में टीचर्स ने क्0 सेमेस्टर के क्वेश्चन पेपर का बंडल खुलवाकर क्वेश्चन पेपर बंटवाए। स्टूडेंट्स भी कुछ समझ नहीं सके। उन्होंने दोबारा पेपर को हल करना शुरू कर दिया। स्टूडेंट्स को एक्स्ट्रा टाइम भी नहीं दिया गया। आरयू इस पूरे मामले को अब दबाने में जुट गया है। कोई भी इस संबंध में कुछ भी नहीं बोल रहा है, लेकिन एलएलबी के स्टूडेंट्स इस बात की तस्दीक कर रहे हैं कि एक घंटे बाद उनका क्वेश्चन पेपर चेंज किया गया।