-बीते वर्ष बेकाबू मलेरिया कोरोना काल में हुआ काबू

-हेल्थ डिपार्टमेंट की एक्टिवनेस से डिस्ट्रिक्ट में मलेरिया केसेस में आई भारी कमी

बरेली। लास्ट ईयर बरेली के लिए भारी परेशानी का सबब बना मलेरिया इस बार कोरोना काल में अंडर कंट्रोल है। हेल्थ डिपार्टमेंट की एक्टिवनेस, अलर्टनेस व अवेयरनेस से मलेरिया केसेस में 75 परसेंट से अधिक की कमी आई है। अर्बन एरिया में स्थिति सबसे बेहतर है। यहां बीते साल नवंबर तक 3199 मलेरिया केसेस थे, जो इस साल नवंबर तक मात्र 144 तक सीमित हैं। हेल्थ डिपार्टमेंट के अनुसार डिस्ट्रिक्ट में इस बार अब तक मलेरिया से कोई डेथ रिकॉर्ड नहीं है।

चार गुना कम केस

वर्ष 2019 में डिस्ट्रिक्ट मलेरिया से कराह रहा था। मलेरिया के प्लाजमोडियम फाल्सिपैरम व प्लाजमोडियम वाईवेक्स इंफेक्शन के पेशेंट्स की संख्या हर दिन बढ़ रही थी। डिस्ट्रिक्ट मलेरिया ऑफिस के रिकॉर्ड के अनुसार वर्ष 2019 में नवंबर तक डिस्ट्रिक्ट में कुल 46,034 मलेरिया केसेस सामने आए थे। इनमें से पीएफ इंफेक्टेड केसेस की संख्या 11,886 और पीवी इंफेक्टेड केसेस की संख्या 34,148 रही थी। इस साल नवंबर तक डिस्ट्रिक्ट में यह संख्या 4051 और 7245 डिटेक्ट हुई है। इसमें किसी भी डेथ न होना डिपार्टमेंट के लिए बड़ी बात है।

मलेरिया प्रभावित ब्लॉक भी हुए कम

वर्ष 2019 में यूं तो पूरे डिस्ट्रिक्ट में मलेरिया का कहर बरपा था, लेकिन कई ब्लाकों में इसका असर ज्यादा रहा। इन प्रभावित ब्लॉकों में रामनगर, मझगवां, भमौरा, फरीदपुर, कुंआडांडा, भोजीपुरा, मीरगंज और फतेहगंज पश्चिमी शामिल थे। इस साल मलेरिया प्रभावित ब्लॉकों में भी कमी आई है। इस बार जिन ब्लॉकों में मलेरिया केसेस डिटेक्ट हुए हैं उनमें रामनगर, मझगवां, भमौरा, मीरगंज और फतेजगंज पश्चिमी हैं। इस तरह हेल्थ डिपार्टमेंट इस साल तीन ब्लाकों को मलेरिया फ्री करने में सफल हुआ है।

हेल्थ सब सेंटर्स पर हुई मलेरिया कैंपिंग

मलेरिया को कंट्रोल करने के लिए हेल्थ डिपार्टमेंट ने डिस्ट्रिक्ट में अपने सब सेंटर्स स्तर पर प्रयास किए। डिपार्टमेंट की ओर से डिस्ट्रिक्ट के 498 सब सेंटर्स पर थ्री-थ्री टाइम्स मलेरिया कैंप लगाए गए। यहां बड़ी संख्या में लोगों की रैपिड किट से टेस्टिंग की गई। जो लोग पॉजिटिव पाए गए उन्हें मेडिसिन दी गई और उनकी मॉनीटरिंग भी की गई। इससे यह पेशेंट्स दूसरे लोगों के लिए खतरा नहीं बन सके।

जून से सितंबर तक है मलेरिया स्प्रेड पीरियड

मलेरिया स्प्रेड का बरसात शुरू होने के साथ ही शुरू हो जाता है। यह खतरा 22 जून से शुरू होकर सितंबर तक रहता है। इस दौरान जगह-जगह जलभराव से बड़ी संख्या मच्छरों की ब्रीडिंग होती है। अगर इस दौरान उनकी ब्रिडिंग पर काबू पा लिया जाए तो मलेरिया को काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है। इस साल हेल्थ डिपार्टमेंट के मलेरिया कंट्रोल टीम ने डिस्ट्रिक्ट के 401 विलेजेज में एंटी लार्वा और डीडीटी का स्प्रे करवाया।

कोरोना से प्रभावित हुई मलेरिया टेस्टिंग

मलेरिया को कंट्रोल करने के लिए इसकी अधिक से अधिक टेस्टिंग ही सबसे कारगर उपाय है। बीते साल नवंबर तक हेल्थ डिपार्टमेंट ने डिस्ट्रिक्ट में कुल 2.74 लाख मलेरिया टेस्ट किए थे। इनमें से ही 46 हजार पॉजिटिव पेशेंट्स मिले। इस बार डिपार्टमेंट के अधिकांश हेल्थ वर्कर्स कोरोना ट्रीटमेंट में एंगेज्ड होने से मलेरिया की टेस्टिंग अपेक्षाकृत कम हुई हैं। इस साल नवंबर तक 2.64 लाख टेस्ट हुए हैं। इनमें से 11,296 पॉजिटिव पशेंट्स मिले हैं।

एक मच्छर से 18 दिनों तक खतरा

मच्छर अपनी लाइफ में 18 दिन ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है। डिस्ट्रिक्ट मलेरिया ऑफिसर के अनुसार मच्छर की लाइफ सर्किल 28 से 32 दिनों की होती है। इतने समय में भी करीब 10 दिन उसके अंडे से मच्छर बनने में लग जाते हैं। इस तरह कोई मच्छर अगर मलेरिया इंफेक्टेड है तो वह जिसको भी काटेगा उसे इंफेक्ट कर सकता है।

मलेरिया कंट्रोल में झोला छाप बड़ी रुकावट

मलेरिया को कंट्रोल करने में शहर से गांव तक फैला झोला छापों का जाल बड़ी रुकावट बन रहा है। इस रुकावट को हेल्थ डिपार्टमेंट भी दूर नहीं कर पा रहा है। डिपार्टमेंट के मुताबिक गांवों में कई लोग बुखार या अन्य परेशानी होने पर झोला छापों के पास पहुंच जाते हैं। इसी तरह मलेरिया प्रभावित मरीज भी उनके पास पहुंच जाते हैं। यहां से मिली मामूली दवा से उनका बुखार कुछ दिनों के लिए कम हो जाता है पर उनके भीतर मलेरिया का पैरासाइट खत्म नहीं होता है। ऐसे ही पेशेंट्स बाद में दूसरों लोगों के लिए भी मलेरिया का खतरा बनते हैं।

फैक्ट फाइल : मलेरिया केसेस डिस्ट्रिक्ट में

वर्ष 2019 :

- 46,039 : कुल मलेरिया केसेस

- 11,886 : पीएफ

- 34,148 : पीवी

वर्ष 2020

- 11,296 : कुल मलेरिया केसस

- 4051 : पीएफ

- 7245 : पीवी

अर्बन में मलेरिया की स्थिति

वर्ष 2019

- 3199 : कुल मलेरिया केसेस

- 412 : पीएफ

- 2787 : पीवी

वर्ष 2020

- 146 : कुल मलेरिया केसेस

- 38 : पीएफ

- 108 : पीवी