-एएनए कॉलेज ने फोर्थ सेमेस्टर के इंटर्नल मा‌र्क्स यूनिवर्सिटी को नहीं भेजे और दिखा दिया अब्सेंट

-कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पकड़ी चूक में कॉलेज की मानी लापरवाही

<-एएनए कॉलेज ने फोर्थ सेमेस्टर के इंटर्नल मा‌र्क्स यूनिवर्सिटी को नहीं भेजे और दिखा दिया अब्सेंट

-कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पकड़ी चूक में कॉलेज की मानी लापरवाही

BAREILLYBAREILLY :

बीटेक स्टूडेंट का भविष्य से खिलवाड़ करने वाले एएनए कॉलेज पर कोर्ट ने भ्0 हजार क्षतिपूर्ति और क्0 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। इंजीनियरिंग कॉलेज को आदेश दिया कि पीडि़त को जुर्माना राशि का एक माह के अंदर भुगतान कर दे अन्यथा 7 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज भी देना होगा।

फोर्थ सेमेस्टर में दिखाया था फेल

फतेहगंज पश्चिमी के गांव अगरास निवासी प्रशांत सक्सेना ने कंज्यूमर फोरम सेकंड के यहां वर्ष ख्0क्फ् में वाद दायर किया किया था, जिसमें प्रशांत ने बताया कि उसने ख्009 -क्फ् के लिए बीटेक इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग के लिए फतेहगंज पश्चिमी के कॉलेज में प्रवेश लिया था। जिसके लिए उसने ख्009-क्0 में फ‌र्स्ट और सेकंड सेमेस्टर की परीक्षा देकर उत्तीर्ण हो गया। वर्ष ख्0क्0-क्क् में उसने थर्ड और फोर्थ सेमेस्टर था, जिसमें उसने थर्ड सेमेस्टर के बाद फोर्थ सेमेस्टर की परीक्षा तो दे दी, लेकिन प्रैक्टिकल के दौरान वह बीमार हो गया और प्रैक्टिकल नहीं दे सका, जिससे कॉलेज ने उसे ख्0क्क्-क्ख् में भूतपूर्व स्टूडेंट के रूम में प्रवेश दिया। आरोप लगाया कि कॉलेज ने स्टूडेंट के फोर्थ सेमेस्टर के एग्जाम के मा‌र्क्स भी यूनिवर्सिटी को नहीं भेजे, जिसके कारण उसे अनुपस्थित दर्शा दिया जिससे वह फेल हो गया।

कोर्ट में ऐसे खुली पोल

कोर्ट ने माना कि स्टूडेंट ने फोर्थ सेमेस्टर का इंटर्नल एग्जाम दिया था और एक्सटर्नल एग्जाम बीमारी के कारण नहीं दे सका। उत्तर पुस्तिका कॉलेज की लापरवाही से खो गई होगी। इसी कारण इंटर्नल एग्जाम के मा‌र्क्स यूनिवर्सिटी को नहीं भेजे गए। और स्टूडेंट को अब्सेंट दिखाकर फेल कर दिया गया। मामले की सुनवाई हुई तो कॉलेज की तरफ से चेयरमैन ने बचाव करते हुए कॉलेज कर्मचारी लोकेश कुमार गौड़ की तरफ से शपथ पत्र दे दिया। जिसमें बताया कि कर्मचारी नया है और उसे जब पता चला कि प्रशांत के इंटर्नल एग्जाम के मा‌र्क्स यूनिवर्सिटी जाने से छूट गए है तो वह लेकर यूनिवर्सिटी गया तो उससे अंक नहीं लिए गए और इंटर्नल मा‌र्क्स भी साथ लाने के लिए कहा गया, जिससे पीडि़त स्टूडेंट के मा‌र्क्स नहीं पहुंच सके और फेल हो गया। जबकि अन्य सभी स्टूडेंट्स के मा‌र्क्स ऑनलाइन ख्भ् जून ख्0क्क् को यूनिवर्सिटी भेजे जा चुके थे।

कॉलेज चेयरमैन ने कोर्ट में दिया तर्क

-फ‌र्स्ट सेमेस्टर एग्जाम में तीन सब्जेक्ट में बैक आया

-सेकंड सेमेस्टर में एक सब्जेक्ट में बैक आया

-थर्ड सेमेस्टर में चार सब्जेक्ट में बैक आया

-फोर्थ सेमेस्टर में स्टूडेंट कॉलेज नहीं आया और न पंजीकरण कराया और न एग्जाम दिया।

-जिसके कारण कॉलेज ने उसे फेल कर दिया,

-वर्ष ख्0क्क्-क्ख् में एक्स स्टूडेंट के रूप में थर्ड सेमेस्टर में प्रवेश लिया और दो सब्जेक्ट का एग्जाम दिया और फोर्थ सेमेस्टर का प्रैक्टिकल दिया।

-एक्स स्टूडेंट के रूप में आन्तरिक एग्जाम नहीं दिया जा सकता