नई लैंडफिल के लिए बीडीए के पास नहीं हैं 25 एकड़ जमीन ं

लैंडफिल डेवलेप न होने से कूड़ा डिस्पोजल पर अडं़गा, निगम को झटका

BAREILLY:

महानगर से स्मार्ट सिटी बनने की राह पर मजबूत कदम बढ़ा रहे शहर में कूड़े के डिस्पोजल का फ्यूचर अंधेरे में है। शहर से निकलने वाले कूड़े के डिस्पोजल के लिए नई लैंडफिल बनाए जाने की नगर निगम की योजना खटाई में पड़ गई है। शहर के बाहर नई लैंडफिल बनाए जाने के लिए निगम को जरूरत के मुताबिक जमीन नहीं मिल रही। बीडीए से निगम को राहत की उम्मीद थी, लेकिन वहां से भी निगम को झटका लग गया है। नई लैंडफिल डेवलेप न किए जाने की सूरत में निगम के सामने शहर के कूड़े के डिस्पोजल की समस्या जस की तस बनी हुई है।

बीडीए के पास नहीं जमीन

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल, एनजीटी ने निगम को शहर से निकलने वाले सॉलिड वेस्ट के डिस्पोजल के लिए नए सोर्स तलाशने और इसका प्लान देने को कहा। इस पर निगम ने नई लैंडफिल डेवलप करने के लिए बीडीए वीसी को लेटर भेजकर 25 एकड़ जमीन देने की मांग की। लेकिन बीडीए के पास एक साथ 25 एकड़ जमीन अवेलेबल नहीं। जिसके चलते बीडीए ने निगम को एक साथ 25 एकड़ जमीन दे पाने में हाथ खड़े कर ि1दए हैं।

मास्टर प्लान में नही की प्लानिंग

बीडीए की ओर से शहर के आउटर एरियाज को डेवलेप किए जाने के लिए मास्टर प्लान 2021 तैयार किया गया है। इसमें रिहायशी कॉलोनीज, कॉमर्शियल भवन, पार्क, बाजार, सड़कें और हॉस्पिटल के लिए जगह तय की गई। लेकिन मास्टर प्लान का खाका खींचते हुए बीडीए के जिम्मेदार महानगर से निकलने वाले कूड़े को ठिकाने लगाने के लिए नए ट्रंचिंग ग्राउंड का ख्याल करना भूल गए। बीडीए ने ट्रंचिंग ग्राउंड के लिए जमीन ही नही तय की। जिम्मेदारों की यह अदूरदर्शिता आने वाले समय में शहर का फैलाव बढ़ने के साथ बेहद गंभीर चुनौती बनेगी।

प्लांट की उम्मीदें कमजोर

पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड, पीसीबी की आपत्तियों पर एनजीटी ने बरेली के सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट के संचालन पर रोक लगा दी। पिछले सवा साल से प्लांट बंद होने के चलते शहर से निकलने वाला कूड़ा बाकरगंज में ही डिस्पोज किया जा रहा। रोजाना सवा तीन सौ मीट्रिक टन ठोस कूड़ा शहर से निकल रहा जो प्लांट बंद होने के चलते बाकरगंज में डंप किया जा रहा। निगम ने नई जमीन पर लैंडफिल डेवलेप करने और बाकरगंज में कैपिंग कराने की योजना एनजीटी को दी रिपोर्ट में बताई है। निगम इस कवायद के जरिए एनजीटी से प्लांट शुरू कराने की अपील करने की जुगत में था। लेकिन बीडीए से जगह न मिलने पर यह योजना भी खटाई में पड़ गई।

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बीडीए ने निगम को 25 एकड़ जमीन दे पाने में मजबूरी जताई है। बीडीए के पास एक साथ 25 एकड़ जमीन नहीं है। मास्टर प्लान में भी बीडीए की ओर से नई लैंडफिल के लिए कोई जगह तय नहीं की गई।

- डॉ। आईएस तोमर, मेयर

मास्टर प्लान में बीडीए की ओर से निगम को शहर में तीन जगह कूड़ा डिस्पोज के लिए जगह चिन्हित की गई है। लेकिन एक साथ 25 एकड़ जमीन बीडीए के पास मुहैया नहीं है।

- महावीर सिंह, चीफ टाउन प्लानर, बीडीए