-बेटा खोने के गम में मां-बाप भी हो गए थे डिस्टर्ब

-बेटे के गम में पिता का चौपट हो गया बिजनेस मजदूरी करने को मजबूर

<-बेटा खोने के गम में मां-बाप भी हो गए थे डिस्टर्ब

-बेटे के गम में पिता का चौपट हो गया बिजनेस मजदूरी करने को मजबूर

BAREILLYBAREILLY:

बेटा क्या गुम हुआ मां-बाप का मानसिक संतुलन ही बिगड़ गया। वह छह भाइयों में चौथे नम्बर का था और कक्षा 9 तक पढ़ा था। अपने पिता के साथ उनके बिजनेस में हाथ बटाता था। लेकिन 7 अप्रैल माह ख्0क्7 को घर से कस्बा जाने के लिए कहकर निकला उसके बाद आज तक कहीं सुराग नहीं लगा। परिजनों ने काफी तलाश किया लेकिन जानकारी नहीं मिली। परिजनों ने इसकी गुमशुदगी भोजीपुरा थाना में दर्ज कराई थी लेकिन पुलिस भी उसे तलाश नहीं कर सकी। बेटे की याद में पिता तो इतना डिस्टर्ब हो गए कि उनका तो बिजनेस ही चौपट हो गया, और वह आज मजदूरी करने को मजबूर हो गए है।

किराए पर रहता है परिवार

भोजीपुरा के धौराटांडा कस्बा वार्ड नम्बर फ् निवासी इस्तकार अहमद के छह बेटे हैं। जिसमें से तीन बोलने और सुनने में असक्षम हैं। चौथे नम्बर का बेटा मुज्जिमल था जो 7 अप्रैल को अचानक कस्बा जाते समय लापता हो गया। जबकि दो भाई उससे छोटे हैं। इस्तकार अहमद ने बताया कि वह चावल का व्यापार करते थे। बेटा गुमशुदा हुआ तो उसको तलाशने और बिजनेस में मन न लगने से व्यापार भी चौपट हो गया। यहां तक कि चावल व्यापार में घाटा होने से उनका घर भी बिक गया। और अब परिवार के साथ किराए के मकान में रहकर मजदूरी करने को मजबूर हैं। इस्तकार के बेटे अब मजदूरी करके ही परिवार को चलाते हैं। क्योंकि बेटा के गुमशुदा होने के बाद से मां-बाप का माइंड भी डिस्टर्ब हो गया।

भाई भी होते हैं परेशान

इस्तकार ने बताया कि मुज्जिमल के भाई बोल-सुन नहीं सकते लेकिन वह भी कोई त्योहार आने पर उसे याद करके परेशान होते हैं। अब तो पत्नी और बच्चों को समझाने के अलावा कुछ भी नहीं बचा है। उन्होंने बताया कि जब मुज्जिमल था तो उनका बिजनेस भी अच्छा था और घर भी था। लेकिन बेटे के साथ ही सब कुछ लापता हो गया। उन्होंने थाना पुलिस से गुमशुदा बेटे को तलाशने के लिए काफी चक्कर लगाए, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके लिए उन्होंने एसएसपी से भी गुहार लगाई। परिजनों का आरोप है कि पुलिस अगर गुमशुदा बेटे को तलाश करती तो वह जरूर मिल जाता।