-पांच साल पहले गुमशुदा हुए बेटे की न्यूज दैनिक जागरण आई नेक्स्ट में पब्लिश होने के बाद लगा सुराग

-रामगंगा के चौबारी में रहने वाला परिवार कई वर्षो से रह रहा है फरीदपुर के बीसलपुर रोड पर

<-पांच साल पहले गुमशुदा हुए बेटे की न्यूज दैनिक जागरण आई नेक्स्ट में पब्लिश होने के बाद लगा सुराग

-रामगंगा के चौबारी में रहने वाला परिवार कई वर्षो से रह रहा है फरीदपुर के बीसलपुर रोड पर

BAREILLYBAREILLY:

पांच साल पहले गुमशुदा हुए बेटे की न्यूज दैनिक जागरण आई नेक्स्ट में पब्लिश होने के बाद बेटे का सुराग बिहार में लग गया। लेकिन सुराग लगने के बाद अब गरीब मां-बाप को मददगार की तलाश है। गुमशुदा बेटे की मां-बाप से भी बात हो गई है। जिसमें उसने बताया कि वह बिहार के दरभंगा में है और वह घर वापस आना चाहता है। जब मां-बाप ने ओपन शेल्टर होम इंचार्ज से बात की तो उसने बताया कि बेटे को लेने के लिए दरभंगा आना पडे़गा। मां-बाप बेटे को तो लाना चाहते हैं लेकिन पैसों की तंगी के चलते वह उसे लेने नहीं जा पा रहे हैं। ऐसे में उन्हें किसी मददगार की तलाश है।

मां की डांट से छोड़ा था घर

फरीदपुर के बीसलपुर रोड मोहल्ला मिर्धान निवासी नन्हें अली परिवार के साथ रहते हैं। पत्नी शहाना घर पर बच्चों की देखरेख करती थी.नन्हें अली ईट भटठे पर मजदूरी करते थे इसीलिए वह घर से बाहर रहते थे। शहाना चाहती थी कि बच्चे पढ़ लिख जाए और बड़े आदमी बने। इसीलिए मां ने बेटे का एडमिशन कराया और मुजाहिद अली को पढ़ने भेजा था। लेकिन वह पढ़ना नहीं चाहता था। जिस पर मां ने उसकी डांट लगा दी थी। जिससे गुस्साया बेटा मां से बाजार जाने को कहकर निकला उसके बाद घर नहीं लौटा। जब बेटे की गुमशुदा की जानकारी मां को हुई तो उसका रो-रोकर बुरा हाल हो गया।

मददगार मिले तो बने बात

गुमशुदा बेटे की मां शहाना और पिता नन्हें अली से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि वह ईट भट्ठे पर मजदूरी करके परिवार को चलाते हैं। उनके तीन बेटे और एक बेटी है। जिसमें मुजाहिद अली दूसरे नम्बर का था। बेटे का सुराग लगने के बेटे को जल्दी वापस लाने की इच्छा तो है लेकिन पैसों की कमजोरी के चलते बेटे से मिलने तक नहीं पहुंच पा रहे हैं.गुमशुदा की मां शहाना का कहना है कि उन्हें कोई मददगार मिल जाए तो उनका बेटा वापस आ सकता है।