-ट्रांसफार्मर फुंकने पर मोबाइल ट्राली से की जाती है बिजली की सप्लाई

- मोबाइल ट्राली के पहिए फुंकने के कारण नहीं मिल पा रहा है सर्विस का फायदा

<-ट्रांसफार्मर फुंकने पर मोबाइल ट्राली से की जाती है बिजली की सप्लाई

- मोबाइल ट्राली के पहिए फुंकने के कारण नहीं मिल पा रहा है सर्विस का फायदा

BAREILLY

BAREILLY

ट्रांसफार्मर फुंकते ही तुरंत बिजली सप्लाई शुरू करने और पब्लिक को राहत देने वाली मोबाइल ट्राली (ट्रांसफार्मर) पंक्चर हो गई है। इसे पंक्चर करने में किसी और नहीं खुद बिजली विभाग का हाथ है। विभाग की लापरवाही के कारण मोबाइल ट्राली के पहिए पंक्चर हो गए हैं। इसके चलते जब भी किसी एरिया का ट्रांसफार्मर फुंकता है तो वहां के लोगों को राहत नहीं मिल पा रही है। लिहाजा, मोबाइल ट्रांसफॉर्मर की व्यवस्था मकसद में फेल होती नजर आ रही है।

बदहाल मोबाइल ट्रॉली सर्विस

बिजली विभाग के बेड़े में फिलहाल फ्0 से अधिक मोबाइल ट्रॉली है। ट्राली का इस्तेमाल जरूरत के मुताबिक कई सब स्टेशन के पास खड़ा किया गया है। ताकि उस सब स्टेशन से जुड़े किसी एरिया में ट्रांसफार्मर फुंके तो पब्लिक को बिजली से परेशान न होना पड़े। लोगों की नींद खराब न हो। दिक्कत यह है कि मैक्सिमम मोबाइल ट्रॉली के पहिए ठीक से रखरखाव न होने के कारण पंक्चर हो गए। टायर और ट्यूब गल कर जमीन में धंस गए हैं। हैरत की बात तो यह है कि मोबाइल ट्राली आए अभी एक साल भी नहीं गुजरा है।

इमरजेंसी पड़ गयी तो

पॉवर कॉरपोरेशन ने मोबाइल ट्रॉली की व्यवस्था इमरजेंसी के लिए कर रखी है। ताकि सब स्टेशन में खराबी आने या कही ट्रांसफार्मर के फूंक जाने की स्थिति में मोबाइल ट्रॉली के जरिए बिजली सप्लाई सुचारू रखी जा सके। लेकिन, अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही के चलते मोबाइल ट्रॉली बेदम हो गई है। मोबाइल ट्रॉली पंक्चर होने के कारण जरूरत पड़ने पर इसकी सर्विस मिल नहीं पा रही है।

कंज्यूमर होते हैं परेशान

बिजली विभाग एक तरफ स्कॉडा योजना के तहत करोड़ों रुपए खर्च कर विद्युत व्यवस्था सुधारने का दावा कर रहा है तो दूसरी ओर इंफ्रास्ट्रक्चर जवाब दे जा रहा है। दो महीने पहले जगतपुर में भी मोबाइल ट्रॉली के लिए लोगों ने फोन किया था लेकिन, विभाग मुहैया नहीं करा सका था। कुछ ऐसी ही समस्या से डीडीपुरम और कोहाड़ापीर के लोगों को भी दो-चार होना पड़ा था। इसके चलते जब तक ट्रासफॉर्मर नहीं आया लोगों को रात अंधेरे में ही गुजारी पड़ी थी।