स्वस्थ हो चुकी संवासिनियों की शादी कराने की पहल

जिला प्रशासन से मांगा सहयोग, युवकों का होगा पुलिस वेरिफिकेशन

BAREILLY: घर होकर भी वे बेघर हैं, अपनों के होते हुए भी पूरी तरह से अकेले। न परिवार ने साथ दिया और न ही समाज मुसीबत में उनके साथ खड़ा हुआ। दिमागी रूप से कमजोर हो चुकी इन बेसहारा और बेबस महिलाओं को इलाज और रहने-खाने का ठौर तो मिला। लेकिन अपनों के साथ अपना परिवार बनाकर रहने की उनकी उम्मीद आंसुओं के साथ गुम होती गई। मानसिक विमंदित ममता आश्रय गृह ऐसी महिला मरीजों को उनका घर बसाने की नामुमकिन मुहिम को मुमकिन करने में जुटा है। ऐसी महिलाओं व संवासिनियों की शादी करा उनका घर-परिवार बसाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

नियमावली में जुड़ेगा प्रस्ताव

हरुनगला स्थित ममता आश्रय गृह में 51 मानसिक मंदित व संवासिनी रह रही हैं। इनमें से करीब 13 ऐसी हैं, जो स्वस्थ हो रही या हो चुकी हैं। साथ ही शादी करने लायक उम्र में हैं। ऐसी संवासिनियों की शादी कराने के लिए जिला प्रशासन से सहयोग मांगा गया है। डीएम ने यह पहल आगे बढ़ाई थी। शादी की फाइल डायरेक्ट्रेट तक पहुंच गई है। ममता आश्रय गृह में ऐसी संवासिनियों की शादी के लिए मौजूदा नियमावली में संशोधन किया जाना है। इस बाबत प्रस्ताव को नियमावली में जोड़े जाने की कवायद चल रही है।

वेरिफिकेशन के बाद आवेदन

कई साल से घर से दूर होने के बाद अपना घर बसाने की हसरतों पर चोट न लगे, इसलिए इस पूरे मामले में बेहद सावधानी बरती जाएगी। ममता प्रशासन ऐसी महिलाओं-संवासिनियों से शादी के लिए न्यूजपेपर्स में विज्ञापन देगा। शादी के लिए इंट्रेस्टेड युवकों का पुलिस वेरिफिकेशन होगा। जिसमें उनके बैकग्राउंड की जानकारी ली जाएगी। इसके बाद ऐसे युवकों की काउंसलिंग होगी। जिसमें आवेदक के आर्थिक, शारीरिक, मानसिक और सामाजिक रूप से सक्षम होने पर ही उन्हें शादी के लिए योग्य माना जाएगा।

ग्रेजुएट भी- इंग्लिश भी

ममता आश्रय गृह में मानसिक रूप से बेहतर हो चुकी और शादी लायक संवासिनियों व महिलाओं में कुछ काफी अच्छे घर-परिवार वाले बैकग्राउंड से भी हैं। ममता आश्रय घर में एक युवती ग्रेजुएट है और बातचीत से भी काफी एजुकेटेड दिखती है। लेकिन अपना पता नहीं बता पा रही। वहीं एक युवती इंग्लिश के मामले में भी बेहद स्मार्ट है। इंग्लिश में बोलना, पढ़ना उसका हुनर है। वह अपने परिवार के पास वापस नहीं जाना चाहती।

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दिमागी रूप से स्वस्थ हो चुकी और शादी लायक उम्र वाली ऐसी मरीज जिनका घर-ठिकाना नहीं। उनकी शादी कर घर बसाने की योजना है। जिला प्रशासन से भी सहयोग मांगा है। जिला विकलांग कल्याण अधिकारी और डायरेक्ट्रेट से इस बारे में बात चल रही। नियमावली में संशोधन कर इस मुहिम को शुरू किया जाएगा।

- नवीन जौहरी, सुपरिटेंडेंट-इंचार्ज, ममता आश्रय गृह