- सेतु, जल निगम पर एक-एक लाख का जुर्माना

- ओवरब्रिज, सीवर ट्रंक लाइन का चल रहा काम

- नियमों की धज्जियां उड़ाकर किया जा रहा निर्माण

बरेली : शहर में चारों ओर तेजी से निर्माण कार्य चल रहे हैं। भले ही कुछ महीनों बाद इससे शहरवासियों को काफी सहूलियत मिलें लेकिन इल निर्माण कार्यो की वजह से बढ़े पॉल्यूशन के चलते लोगों का सांस लेना तक मुश्किल हो गया है। नगर निगम ने इसे गंभीरता से लेते हुए बड़ी कार्रवाई अमल में लाई है। शहर में ओवरब्रिज का निर्माण करा रहे सेतु निगम और सीवर ट्रंक लाइन डाल रहे जल निगम पर एक एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है।

नगर निगम ने ठोंका एक-एक लाख जुर्माना

शहर में अनियंत्रित निर्माण कार्य भी प्रदूषण को बढ़ाते हैं, धूल और मिट्टी उड़ती है। निर्माण सामग्री ले जाने वाले वाहन भी धूल उड़ाते जाते हैं। ऐसे में नगर निगम ने सेतु निगम और जल निगम पर एक-एक लाख का जुर्माना लगाने की कार्रवाई की है। दोनों विभागों को हिदायत दी गई है कि निर्माण कार्य के दौरान पानी का छिड़काव नहीं करने पर निगम आगे भी कार्रवाई करेगा।

यहां चल रहे निर्माण कार्य

शहर में सीवर ट्रंक लाइन बिछाने का काम चल रहा है। इसके अलावा सेटेलाइट से श्यामगंज, चौपुला पुल, नकटिया पुल, लाल फाटक पुल और आईवीआरआई पुल का काम चल रहा है। निर्माण कार्यो से शहर में धूल उड़ रही है, जिससे पॉल्यूशन हो रहा है। नगरायुक्त अभिषेक आनंद ने पिछले दिनों सभी निर्माण कार्यो पर नजर रखने के लिए एक टीम बनाई थी। टीम ने देखा कि इन निर्माण कार्यो में कई स्थानों पर पानी का छिड़काव नहीं हो रहा और कुछ स्थानों पर बहुत कम पानी का छिड़काव किया जा रहा है। दोनों विभागों को नोटिस जारी करते हुए एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाने की कार्रवाई की गई है।

रेंगते और बढ़ते वाहन बढ़ा रहे पॉल्यूशन

एक्सप‌र्ट्स के मुताबिक शहर में प्रदूषण का मुख्य कारक सड़कों पर दौड़ रहे डीजल व पेट्रोल से चलने वाले वाहन हैं। वाहनों की बढ़ती अनियंत्रित संख्या के साथ ही शहर में ट्रैफिक की हालत भी बहुत खराब है। 25 से 30 किमी। की दूरी तय करने में एक घंटे से अधिक का समय लग रहा है। इस दौरान फ्यूल कंजप्शन भी उसी रेश्यो में काफी बढ़ जाता है। फ्यूल से उत्सíजत होने वाली कार्बनडाई ऑक्साइड, सल्फर डाई ऑक्साइड जैसी खतरनाक गैसे उत्सíजत होती हैं, जो पॉल्यूशन लेवल बढ़ाने में मददगार हैं।

सड़कों पर ही उड़ रही धूल

नगर निगम एक्सप‌र्ट्स के मुताबिक डेवलपमेंट के साथ ही धूल को नियंत्रित नहीं किया जा रहा है। सड़कों के किनारे कच्चे हैं वाहन गुजरने पर धूल का गुबार उड़ता है जो लोगों के फेफड़ों में पहुंच रहा है। बीडीए, नगर निगम, पीडब्ल्यूडी, जल निगम, आवास विकास, सेतु निगम जैसे विभाग कंस्ट्रक्शन के दौरान धूल उड़ा रहे हैं। कंस्ट्रक्शन साइट पर भी नियमों का पालन नहीं होता जबकि बिल्डिंग को चारों तरफ से ढका होना चाहिए और धूल के साथ ही ध्वनि भी बाहर नहीं आनी चाहिए, लेकिन जिम्मेदार सो रहे हैं। हर मोहल्ले में नियमों को ताक पर रखकर निर्माण कार्य चल रहे हैं।

सेतु निगम और जल निगम पर एक एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। दोनों ही विभाग निर्माण कार्यो में मानक का अनुपालन नहीं कर रहे थे। उन्हें हिदायत दी है कि आगे से नियमों का पालन करेंगे।

अभिषेक आनंद, नगर आयुक्त