-श्यामगंज से सेटेलाइट तक रोड किनारे नो एंट्री में खड़े होते हैं ट्रक

-ट्रांसपोर्ट नगर बसने के बावजूद नहीं जाना चाहते हैं दुकानदार

<-श्यामगंज से सेटेलाइट तक रोड किनारे नो एंट्री में खड़े होते हैं ट्रक

-ट्रांसपोर्ट नगर बसने के बावजूद नहीं जाना चाहते हैं दुकानदार

BAREILLY: BAREILLY: ट्रांसपोर्ट नगर बसाने की तमाम कवायदों के बावजूद दुकानदार यहां जाने को तैयार नहीं हो रहे हैं। इसकी वजह से ट्रक-बस रिपेयर होने श्यामगंज से सेटेलाइट तक मिस्त्री की दुकानों पर आते हैं और फिर रोड किनारे नो एंट्री में खड़े हो जाते हैं। ट्रकों की वजह से रोड पर जाम लगता है। ट्रैफिक पुलिस के तमाम प्रयासों के बावजूद समस्या का समाधान नहीं निकल पा रहा है। पिछले तीन दिनों से ट्रैफिक पुलिस ट्रकों को हटाने का अभियान चला रही है लेकिन ट्रक ड्राइवर और दुकानदार साफ कहते हैं कि जब तक बदायूं बाईपास नहीं बनता है तब तक ट्रकों की एंट्री जारी रहेगी। तीन दिनों में ट्रैफिक पुलिस ने ब्भ् ट्रक-बस के चालान कर बाहर हटाया है।

ख्भ् वर्ष पहले शुरू हुई कवायद

ट्रांसपोर्ट नगर बसाने की कवायद करीब ख्भ् वर्ष शुरू हो गई थी। पिछले कुछ वर्षो से कमिश्नर, डीएम, बीडीए ने इसे बसाने के लिए काफी तेजी से प्रयास किए। व्यापारियों के साथ कई मीटिंग की गई। शहर से ट्रकों को जबरन खदेड़कर शहर के बाहर भेजा गया। यहां तक अगस्त माह में यहां की दुकानों के सर्किल रेट भी आधे कर दिए गए। बीडीए ने बिजली-पानी सुविधाएं भी उपलब्ध करा दीं लेकिन ट्रांसपोर्ट नगर नहीं बस सका। यहां तक की कई अधिकारी ट्रांसफर होकर भ्ाी चले गए।

अपना फायदा देख रहे व्यापारी

ट्रांसपोर्ट नगर न बसने के पीछे कहीं न कहीं शहर के व्यापारी ही हैं। शहर के व्यापारी अपना फायदा देखते हैं, क्योंकि ट्रांसपोर्ट नगर बसने से शहर में ट्रकों की एंट्री पर पूरी तरह से रोक लग जाएगी। सभी ट्रक सिर्फ ट्रांसपोर्ट नगर तक ही आएंगे, जिसके चलते व्यापारियों को छोटे वाहन से माल लाना होगा, जबकि अभी व्यापारी रात में नो एंट्री खुलने का फायदा उठाकर ट्रकों को शहर में एंटर कराते हैं लेकिन नो एंट्री खत्म होने के बाद वापस नही भेजते हैं। ट्रांसपोर्ट नगर बसने से सभी मिस्त्री दुकानदारों को वहां पर जाना होगा लेकिन दुकानदार अपना पुराना बिजनेस बंद नहीं करना चाहते हैं। इसके अलावा ट्रांसपोर्टर्स भी श्यामगंज और सीबीगंज एरिया से अपना बिजनेस बाहर नहीं लेकर जाना चाहते हैं।

बड़ा बाईपास बाद में क्यों बनाया

जब दुकानदारों से बात की गई तो उनका कहना है कि ट्रांसपोर्ट नगर तो बनाया गया लेकिन बड़ा बाईपास बाद में बनाया गया। ट्रांसपोर्ट नगर में वाहनों की एंट्री पर ट्रैफिक पुलिस को रुपया देना पड़ता है। इसके अलावा वहां ट्रक भेजने के लिए डीजल अधिक खर्च होता है। दुकानदारों का कहना है कि बदायूं रोड चल रही है, जिसकी वजह से ट्रक ड्राइवर बदायूं जाने के लिए शहर में एंट्री करते हैं और फिर रास्ते में ही दुकान पर खड़े होकर रिपेयरिंग करा लेते हैं।

ट्रैफिक पुलिस की कार्रवाई

8-ट्रक के चालान

ब्-बसों के चालान

ख्-डीसीएम के चालान

बैट्री खराब हो गई थी, उसे ठीक कराने आए थे। शहर में आसानी से वाहन की रिपेयरिंग हो जाती है।

ईशान, ड्राइवर

ख्भ् साल पुरानी दुकान है। ट्रांसपोर्ट नगर में सुविधाएं नहीं है। बड़ा बाईपास पहले बनाते तो सही होता। धंधा कैसे छोड़ दूं।

अकलाख, दुकानदार

शहर के मालिक की गाड़ी है। ट्रांसपोर्ट नगर जाने में ब् लीटर एक्स्ट्रा डीजल लगता है। शहर में आसानी रहती है।

दीपक पाठक

हमारी इनवर्टर बैट्री की शॉप है। बदायूं रोड चल रही है, इसलिए ट्रक व बस काम कराने के लिए आ जाते हैं।

इमरान, दुकानदार

ट्रकों को हटाने का काम जारी है। तीन दिन से चालान किए जा रहे हैं। इसके बाद भी नहीं मानने पर ट्रक सीज किए जाएंगे।

मनोज पटेल, टीएसआई